________________ संदर्भ 1. जैन आगम साहित्य-- देवेन्द्रमुनि शास्त्री, पृ.३१७ 2. अनुयोगद्वारसूत्र-स्वकथ्य, केवल मुनि, पृ. 6 3. धम्मकहाणुओगो, मुनि कन्हैयालाल जी 'कमल' 4. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग 1, पृ. 104, 5 द्रव्य संग्रह टीका, 421183/2 6. कसायपाहुड 3/3/22 7. तत्त्वार्थ सूत्र, पं. सुखलालजी, पृ.८ 8. चत्वारि हि प्रवचनानुयोगमहानगरस्य द्वाराणि उपक्रम निक्षेप अनुगम:नयश्चेति। स्याद्वादमंजरी, 28 9. तत्त्वार्थसूत्र, उमास्वाति 1/7,8 10. तत्त्वार्थ सूत्र-उमास्वाति 1/5 11 धवला 2/11/415/2 12. विशेषावश्यकभाष्य--अणुयोजणं.........अणुरूवोऽणुकूलो वा. 13. अनुयोगद्वारसूत्र, प्रस्तावना, देवेन्द्रमुनि शास्त्री, पृ. 24 14. द्रव्य संग्रह 42/182, पंचास्तिकाय 173, तत्त्वार्थवृत्ति 254/15 15. अभिधान राजेन्द्र कोश, भाग१, पृ. 356 16. धम्मकहाणुओगो-प्रस्तावना पृ. 5 17. मलयगिरि आवश्यकनियुक्ति पृ. 283 18. अभिधान राजेन्द्र कोश 19. अनुयोगद्वारसूत्र -- प्रस्तावना देवेन्द्रमुनि शास्त्री, पृ. 28--29 20. वही पृ. 50 21. वही पृ. 50 22. वही पृ. 50 23. जैन आगम साहित्य, देवेन्द्रमुनि शास्त्री पृ. 334 24. अनुयोगद्वार सूत्र, सूत्र 279 पृ. 210 25, वही सूत्र 280--281, पृ. 211 26. वही पृ. 229 27. वही पृ. 397 28. जैन आगम साहित्य, देवेन्द्र मुनि शास्त्री पृ. 341 29. अनुयोगद्वार सूत्र 599 (अ) पृ.४५४ 30. वही, सूत्र 599 (इ) पृ. 455 31. वही पृ. 468 32. जैन आगम साहित्य, देवेन्द्र मुनि शास्त्री, पृ. 343 -Guest Lecturer, Dept. of Jainology. University of Madras Chennai-600005 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org