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________________ जिनवाणी- जैनागम-साहित्य विशेषाङ्क | यह बीस प्राभृतों में विभक्त है। प्राभृत का अर्थ उपहार या भेंट है। प्रशस्तार्थकता के भाव से इसका यहां खण्ड या अध्याय के अर्थ में प्रयोग हुआ है। चन्द्र प्रज्ञप्ति का प्रारंभ निम्नांकित अठारह गाथाओं से होता है जयइ नव-णलिण-कुवलय-विगसिय-सयवस्थपतल-दलत्थो। नीरो गयंदमयंगल-सललिय गयविक्कमो भयवं ।।1।। नमिऊण असुर-सुर-गरुल-मुयंग-परिवदिए गयकिलेसे। अरिहे सिद्धायरिए उवज्झाए सव्वसाहू णं ।2।। फुडवियडं पागडत्थं वुत्थं पुब्बसुय-सारणीसंद। सुहमगणिणोवइट्ठ-जोइसगणरायपण्णत्ते।।3। णामेण इंदमुइत्ति गोयमो वंदिऊण तिविहेणं। पुच्छइ जिणवरवसहं, जोइस-गणराय--पण्णत्तिं ।।4।। कइ मंडलाइं वच्चंति, तिरिच्छा किंवा एच्छति। ओभासीत. केवइयं सेयाए. किंति संठिति।।5।। कहिं पडिहया लेसा, कहिं तेउय संठिति। किं सूरिया चरयंति, कहं ते उदयं संठिति।।6।। कई कठ पोरसीच्छाया, जो एत्ति किं ते आहिए। के ते संवच्छराणाइ. कइ संवच्छराई य।।7 || कहं चंदमसो वुड्ढी, कया ते दोसिणा बहुँ। केई सिग्घगति वुत्ते, किंते दोसिण लक्खणं।।8।। चयणोववायं उच्चतं, सूरिया कति आहिया। अणुभावे केरिसे कुत्ते. एवमेताणि वीसति।।।। वड्ढोवड्ढी मुहुत्ताणं, अद्धमंडलसंठिइ। किं ते चिण्णं परिचरंति, अंतरं किं चरंति य ।।10।। उग्गहति केवतियं, केवतियं च विकप्पति। मंडलाण य संठाणं, विक्खंभ-अट्ठपाहुडा।।11।। छप्पं च य सत्तेवय, अट्ठय तिन्नि य हवंति पडिवत्ती। पढमस्स पाहुडस्स, ओहवंति एयाओ पडिवत्ती ।।12।। पडिवत्तीओ उदए. तह अस्थिमणेसु य। भेयग्घाए कण्णकला, मुहुत्ताण गति तिया।।13।। निक्खममाणे सिग्घगती पविसंते मंदगति तीय। चलसीय सय परिसाण तेसिं च पडिवत्तीओ।।1।। उदयम्मि अट ठभणिया मेयग्घाए दवेय पडिवत्ती। चतारि मुहत्तगती, होति वीयंमि पडिवत्ती।।15।। आवलियमुहुत्तग्गे, एवं मागाय जोगस्स। कुलाय पुषिणमासी य, सण्णीवाए य संठिति।।16।। तारगावण्णेयाय, चंदमग्गति यावरे। देवाण य अज्झयणा. मुहुत्ताणं णामधेयाई।17। दिवस-राई यवुत्ता, तिहिं गुत्ता भोयणाणि य। आइच्च चार मासाय, पंचसंवच्छराति य।।18।। इन गाथाओं के अन्तर्गत प्रथम गाथा, जो मंगलाचरण रूप है, में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.229828
Book TitleSurya Pragnapati Chandra Pragnapati Ek Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherZ_Jinavani_003218.pdf
Publication Year2002
Total Pages10
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size157 KB
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