________________ | आचारांग सूत्र का मुख्य संदेश : अहिंसा और असंगता 1037 विजय, परीषह विजय तितिक्षा, विनय, कर्म लाघव उपधि त्याग आदि ऐसे कैकड़ों विषय है जिन पर यदि साधक चिन्तन करे. उनको भावना करना रहे नो प्रत्येक सूत्र में से जीवन की दिव्यता का, भायों की श्रेष्ठता का निर्मल प्रकाश प्राप्त हो सकता है। पागंश रूप में दो शब्दों में आनागंग का संदेश व्यक्त किया जा सकता है 1. सवंत्र सब जीवों के प्रति समन्वभाव की अनुभूति और 2. आन्तरिक विकारों पर विजय ; अर्थात् अहिंसा और अगता-- आचारांग का गल संदेश है। -ए 7. अवागढ हारस. एम.जी.रोड, आगरा (उ.प्र.) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org