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अनुसन्धान-५५
क्षेत्रे नहिवत प्रगति सन्दर्भे आगळ उपर नोंधेल विधान करवा बाध्य थर्बु पडे छे. उदा. तरीके विश्वनुं ई.स. पूर्वे २०००- प्राचीनतम ज्ञात सूचिपत्र Nipper मांथी मळी आव्युं छे. आ सूचिपत्र ईंटो उपर उत्कीर्ण छे, के जेमां ६२ कृतिओनी यादी आपवामां आवी छे. आ पैकी २४ कृतिओ साहित्यनी छे. ईजिप्तमां Nineveh शहेरमांथी ई.स.पूर्वे ६५० आसपासना समयनी माटीनी ईंटो उपर उत्कीर्ण केटलीक सचिओ मळी आवेल छे, जेमां शीर्षक, कतिनी ईंटोनी संख्या, लहियानुं नाम, राजानी मुद्रा, प्रशस्ति वगेरे सम्बन्धी माहिती वर्णवेल छे. ईजिप्तना EDFUना मन्दिरनी दिवालो उपर ई.स.पूर्वे ३००-२००मां उत्कीर्ण सूचिपत्र मळी आव्युं छे. एलेक्झान्ड्रिया लाईब्रेरीना विख्यात सूचिकार Callimachus (250B.C.) द्वारा १२० ग्रन्थोमां प्रमुख विषयोमां विभाजित विस्तृत सूचिपत्र तैयार करवामां आव्युं हतुं तेना आजे केटलाक अवशेषो ज उपलब्ध छे. युरोपमां ५ थी १५मी सदी दरम्यान धार्मिक मठो शिक्षणनां केन्द्रो उपरान्त हस्तप्रतोना उत्पादन अने संरक्षणनां केन्द्रो हतां. केटलांक मठोनां उपलब्ध सूचिपत्रो पैकी १०मी सदीनुं Carolingian Monastery, Lorsch नुं सूचिपत्र आजे प्राप्य छे के जे 'Not only the most comprehensive but also the most detailed catalog' गणवामां आवे छे.१० आ सूचिपत्रमा ६०० हस्तप्रतोने प्रमुख विषयो हेठळ विभाजित करीने प्रत्येक कृतिनुं शीर्षक, अज्ञात शीर्षकवाळी कृतिना प्रारम्भना शब्दो, पूर्ण के अपूर्ण वगेरे झीणी झीणी विगतो ध्यानथी नोंधवामां आवी छे. Theodor Gottlieb द्वारा ९मी सदीनां २४, १०मी सदीनां १७, ११मी सदीनां ३० अने १२मी सदीनां ६२ सूचिपत्रोनी यादी तैयार करवामां आवी छे.११ आम, आ बधां उपलब्ध प्रमाणोना आधारे स्पष्ट प्रतीत थाय छे के आ बधा देशोओ लेखनकला अने सूचिकला क्षेत्रे भारतनी तुलनाओ घणो सारो विकास साध्यो हतो. ४. हस्तप्रतोना सूचिकरणनी समस्याओ : ४.१ अज्ञातकर्तृत्व अने समाननामधारी कर्ताओनी रचनाओ :
___ संस्कृत-प्राकृत-पालिमां रचायेला आर्षग्रन्थो अने अन्य केटलीक साहित्यिक कृतिओ अज्ञात-कर्तृत्ववाळी जोवा मळे छे. विश्वविख्यात तत्त्वचिन्तक डॉ. राधाकृष्णने नोंध्युं छे के भगवद्गीतानो लेखक कोण छे ते अमे जाणता