________________
१३४
अनुसन्धान- ५५
आर्ट्स (१९८६)नी नवी दिल्हीमां भारत सरकार द्वारा स्थापना करवामां आवी. आ बने संस्थाओ आ विषयक्षेत्रना उज्ज्वळ भविष्य अर्थे कार्यरत छे. अनओमओम ओ टूंका गाळामां ज प्रथम तबक्कानी हस्तप्रत सर्वेक्षणनी कामगीरी पूर्ण करी अने हवे हस्तप्रतोनां विस्तृत विवरणो मेळववानुं शरु कर्तुं छे. आ उपरान्त मोटी उपलब्धि ओ के ओनलाइन द्वारा १० लाख हस्तप्रतोनुं विवरण सुलभ करी आप्युं अने हस्तप्रतोना संरक्षण, सम्पादन- प्रकाशन, सूचिकरण, डिजिटलाईझेशन वगेरे सम्बन्धी प्रवृत्तिओ सुपेरे सम्पन्न करवा कृतनिश्चयी छे. ६. हस्तप्रत सूचिपत्रोना प्रकार :
प्रस्तुत शोधपत्रमां प्रारम्भमां हस्तप्रत सूचिपत्रोना उद्भव अने विकासना विविध तबक्काओनी विस्तृत चर्चा करतां तेना नीचे दर्शाव्या मुजबना प्रकारो उपसी आवे छे.
६. १ हस्तप्रतोनी हस्तसूचि ( Handlist of Manuscripts)
हस्तप्रतोनी अमुद्रित यादी. आ ओक सरळ शीर्षक सूचि छे. हस्तप्रतोनी नोंधणीना क्रमानुसार यादी. 'Catalogus Catalogorum' के ‘New Catalogus Catalogorum' तैयार करवा माटे जे संग्रहोनां सूचिपत्रो प्रकाशित न हतां तेवा संग्रहोनी हस्तसूचिओ मेळवीने तेनो उपयोग करवामां आव्यो हतो. आ प्रकारनी सूचिओमां प्रायः कृतिनुं शीर्षक अथवा कृति अने तेना कर्ताना नामनो उल्लेख करवामां आवे छे.
६. २ हस्तप्रत खोज अहेवाल (Manuscript Search Reports ) कोइ ओक प्रदेशना खानगी के संस्थागत संग्रहोमां कई कई हस्तप्रतो संगृहीत छे तेनी सरळ यादी. कवचित महत्त्वपूर्ण हस्तप्रतोनुं विस्तृत वर्णन, कया संग्रहमां हस्तप्रतो प्राप्य छे तेनी विगत, सरकार माटे जो कोई हस्तप्रतो खरीदवामां आवी होय तो तेनी यादी, खोज - प्रवास अने तेनां संस्मरणो वगेरे सम्बन्धी माहितीनो खोज अहेवालमां समावेश करवामां आवे छे. ब्रिटिश शासन दरम्यान १८६८मां हस्तप्रत सर्वेक्षणनी योजना अमलीकृत करवामां आवी हती त्यारे आ प्रकारना सरकारी अहेवालो १८६८ थी १९०० सुधी घणी मोटी संख्यामां प्रकाशित थया छे. आ प्रकारना अहेवालोमां हस्तप्रतोना वर्णननी क्यांय ओकरूपता जोवा मळती नथी. अर्थात क्यांक अति विस्तृत तो क्यांक