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________________ ९८ अनुसन्धान-५५ अनिवार्य छे.' अने तमे तो अकभांगे ज परिपूर्ण बोध देखाडो छो. तो मां विरोध नथी ? उपाध्यायजीओ आनुं समाधान ओम दर्शाव्युं छे के सातथी ओछा भांगे पण परिपूर्ण बोध मान्य ज छे. आनी साबितीमां तेओओ सन्मतितर्कनी प्रस्तुत गाथा उद्धृत करी छे. अने तेमां व्यंजनपर्यायमां बे भांगे पण पूर्ण बोध देखाडायो छे ओम सूचव्युं छे. हवे आपणे तेओओ त्यां आ गाथानुं जे विवरण कर्तुं छे ते जोइशुं : अर्थपर्याय ओटले अस्तित्व - नास्तित्व वगेरे अर्थनिष्ठ धर्मो अने व्यंजनपर्याय ओटले अर्थनिष्ठ घटकुम्भादिशब्दनिरूपित वाच्यता. ‘सप्तभंगीरूप वचनमार्ग अर्थपर्यायने विषे थाय छे.' ओवो पूर्वार्धनो ओक ज अर्थ छे. ज्यारे उत्तरार्धना बे अर्थ छे : ओक तो, वाच्यता पण आपेक्षिक धर्म छे, ओटले तद्विषयक विचारणामां पण तेना आपेक्षिक अस्तित्व - नास्तित्वना प्रतिपादक पहेला बे भांगा मळे- १. सविकल्प - विधिरूप १, २. निर्विकल्प - निषेधरूप. भांगानो आकार आवो थशे- 'स्याद् घटो घटपदवाच्य एव स्याद् घटो घटपदावाच्य एव'. त्यारबाद त्रीजो अवक्तव्य भांगो नहीं मळे, कारण के अवक्तव्यने शब्दना विषयभूत कहीओ तो विरोध थाय. २ अथवा अन्य रीते पण घटादिपदवाच्यतारूप व्यंजनपर्यायमां त्रीजा भंगनो अभाव घटे छे. ते आ रीते- साम्प्रत अने समभिरूढना मते आ वाच्यता सामान्यने आश्रित छे, तेथी आ बे नयोना मते सविकल्प वचनमार्ग छे, अने तत्प्रतिपादक प्रथमभंग छे. अने अवम्भूतना मते आ वाच्यता विशेषने आश्रित छे, तेथी ते मने निर्विकल्प वचनमार्ग छे, अने तत्प्रतिपादक द्वितीयभंग छे. हवे, आ सिवाय शब्दवाच्यताने जोनारो अन्य कोई नय तो छे नहीं अने १. सविकल्पनो अर्थ ‘विधि' केवी रीते करवो ते समजवुं मुश्केल छे. अ ज रीते निर्विकल्पनो अर्थ 'निषेध' समजवो पण मुश्केल छे. २. अवक्तव्य ओटले शब्दाभावनुं विषयत्व. माटे अवक्तव्यने जो शब्दनो विषय कही तो विरोध अवश्य थाय. पण 'स्यादवक्तव्यो घटः' अम घटशब्दवाच्यताना अस्तित्व - नास्तित्वने आश्रित अवक्तव्यतानुं घटमां प्रतिपादन करवामां आ विरोध कई रीते लागु पडे ते समजवुं मुश्केल छे. कदाच शब्दवाच्यताने आश्रित विचारणामां शब्दाभावना विषयरूप अवक्तव्यतानो समावेश करवो विरुद्ध छे ओवो भाव अत्रे होइ शके.
SR No.229674
Book TitleSanmati Tarka Gatha 1 41 na Tatparya Vishe Vicharna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTrailokyamandanvijay
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages34
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size367 KB
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