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________________ अनुसन्धान-५७ १४ धुंइरि झरल १५ २० मुरमरा सयर पर्याप्ति २3 हुंडक संस्थान ऊदारिक कार्मण ज्योति सरि धूमस-झाकळ ज्वाळा धूमाडो मुर्मुर-तणखा शरीर जीवन शरीरधारी तरीके जीववानी जीवनशक्ति लक्षण रहित सर्व अंगवालु शरीर औदारिक शरीर (एक प्रकारचें शरीर) कार्मण शरीर (एक प्रकारचं शरीर) तेजस शरीर (एक प्रकारनुं शरीर) शरीर छीप पोरा जीवनी जात छेवटुं संहनन मध २७ सीपूना पुरा ४१ ४७ आरो (छ आरामांनो एक) भरत - ऐरवत क्षेत्र लोके-लोकमां ६९ दोरेदोरे इंडोल छेवट्ठी संघेण माखिक कर वचा आरइ भरहेरव लुकिं त्रागि त्रागि मवे उच्छेधांगुल पल्योपम उद्धार साभिन्यांन मनुक्षानुपूरवी दाहमुं यान ru mm मपाय उत्सेधांगुल (लंबाई- एक माप) काळनुं एक जैन शास्त्रीय माप पल्योपमनो एक प्रकार साभिज्ञान-ओळखाण मनुष्यानुपूर्वी दशमुं जाण १०१ १०२ १०५ १२४
SR No.229670
Book TitleNavtattva Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDiptipragnashreeji
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages26
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size144 KB
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