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________________ डिसेम्बर २०११ १२८ १३१ १३२ १३४ १३५ १३६ १४४ १४७ १६४ १६५ १६६ १६८ १७१ १७३ १७८ १८१ १८७ १९६ २०४ २०५ २०६ २०७ २१७ नीमी रेवणी अदाप उरम जुधं घांघलउ थीणधी खीणधी निटोल च्यारि चकुं ओकलां चांब अलकसमलक समेलु खटकशाल दीकोलां बनी आदि प्रातिकी आवटइ अहिंड वस्त कठमर्द अखंच लंपणी वैभाख भावन घरणी पिआरू परीखा अवरति सुमति धन ? नीवी घेरायेली | (मूल द्रव्य) युद्धमां (युद्ध करतांये उंघे ) ऊंघवुं (?) थीणद्धि (निद्रानो एक प्रकार) क्षीण बुद्धि वाळ नक्की / अवश्य. सोल (१६) (४x४) अलकमलकनुं (?) भेगु करवुं (सुमेळ) द्विपद-बेपगां (?) वणिज आदि (?) एक क्रियानुं नाम (आश्रयीने) अटवाय शिकार ( आहेड) नी वस्तु (?) कष्ट-मर्दन खंचकाट वगर लींपण (?) तिरस्कार रूप वाणी, विभाषा भावना (अनित्यादि) पत्नी परायुं खाई (?) अविरति समिति (सम्यग् प्रवृत्ति) ९१
SR No.229670
Book TitleNavtattva Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDiptipragnashreeji
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages26
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size144 KB
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