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________________ जून - २०१२ गुणभद्र के उत्तरपुराण की रामकथा का अनुसरण प्रायः अल्प ही हुआ है । मात्र कृष्ण के संस्कृत के पुण्यचन्द्रोदयपुराण में तथा अपभ्रंश के पुष्पदन्त के महापुराण में इसका अनुसरण देखा जाता है । विमलसूरि की रामकथा का वैशिष्ट्य - विमलसूरि ने अपनी रामकथा में कुछ स्थितियों में वाल्मीकि का अनुसरण किया हो, किन्तु वास्तविकता यह है कि उन्होंने जैन परम्परा में पूर्व से प्रचलित रामकथा धारा के साथ समन्वय करते हुए हिन्दू धारा की रामकथा के युक्ति-युक्त करण का प्रयास अधिक किया है। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि विमलसूरि के समक्ष वाल्मीकि रामायण के साथ-साथ समवायाङ्ग का वह मूलपाठ भी रहा होगा जिसमें लक्ष्मण (नारायण) की माता को केकई बताया गया था । लेखक के सामने मूल प्रश्न यह था कि आगम की प्रामाणिकता को सुरक्षित रखते हुए, वाल्मीकि के साथ किस प्रकार समन्वय किया जाये । यहाँ उसने एक अनोखी सूझ से काम लिया, वह लिखता है कि लक्ष्मण की माता का पितृगृह का नाम तो कैकेयी था, किन्तु विवाह के पश्चात् दशरथ ने उसका नाम परिवर्तन कर उसे 'सुमित्रा' नाम दिया। पउमचरियं में भरत की माता को भी ‘केकई' कहा गया है। वाल्मीकि रामायण से भिन्न इस ग्रन्थ की रचना का मुख्य उद्देश्य काव्यानन्द की अनुभूति न होकर, कथा के माध्यम से धर्मोपदेश देना है । ग्रन्थ के प्रारम्भ में श्रेणिकचिन्ता नामक दूसरे उद्देशक में इसका उद्देश्य रामकथा में आई असंगतियों तथा कपोल-कल्पनाओं का निराकरण बताया गया है। यह बात सुस्पष्ट है कि यह रामकथा का उपदेशात्मक जैन संस्करण है और इसलिये इसमें यथासम्भव हिंसा, घृणा, व्यभिचार आदि दुष्प्रवृत्तियों को न उभार कर सद्प्रवृत्तियों को ही उभारा गया है । इसमें वर्ण-व्यवस्था पर भी बल नहीं दिया गया है । यहाँ शम्बूक-वध का कारण शूद्र की तपस्या करना नहीं है। चन्द्रहास खड्ग की सिद्धि के लिये बांसो के झुरमुट में साधनारत शम्बूक का लक्ष्मण के द्वारा अनजान में ही मारा जाना है । लक्ष्मण उस पूजित खड्ग को उठाते हैं और परीक्षा हेतु बांसों के झुरमुट पर चला देते हैं, जिससे शम्बूक मारा जाता है । इस प्रकार जहाँ वाल्मीकि रामायण में शम्बूक वध की कथा
SR No.229626
Book TitlePaum Chariyam Ek Sarvekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages24
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size122 KB
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