________________ 49 जावड बाहड धनं वस्तुपाला, तरे जगड पेथड साहु तेजपाला / र समर बप्पन्न पर्तक्ष पेषउ, भयं जय किमइ भीमकउ दान देखउ // 3 // म तिणि दिणि माइ छंडे वि बाला तरे तिणि दिणि अन्नदुत्थईय काला / रतिणि दिणि रखयउ लोक भगउ, भायों // 4 // भाप भलउ भुजबलिहि, भीम भावठियउ भंजइ / माम विमलकुलि तिलउ, भीम रायांह मन रंजइ / / भीम दयालु खरउ, भीम मुख मीठड बुलइ / स्लीम धरम उधरइ, भीम धरमह धुरि तुलइ / / गहिलपुर भीम पसंसियइ, भीम भीम सहु को कहइ / वि कहइ विल्ह केसव०॥ भीम जगीतहि जस लहइ ||5|| इति भीमछंद। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org