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चित्रांगद -मनि छइ जं जिसिउं । सकल सेन चालिउ तेउ ||
बांधव - तणइ बोलाविउ नीलांगद - राउ
बेउ महा-भड रिणही चडिया गांगेउ - सिउं लीधा घाउ लीधा मयगल सयल तुरंग लोकां सविहुं दीधी धीर आविउ गयपुर - नयर - मझारि मृत्य -काज कीधां नवि घाटि राति - दिवस सेवा नितु करइ विचित्रवीर्य विवाहह रेसि जे देखु कंन्या गुणवंति
पणि गांगेउ न जांणइ इसिउं विणु पूछिया बांधव गांगेउ रोवांचिइ (?) जई वटिउ नगर तिहां नीलांगद राजा सधर । अंगोअंगि हूआ बिहु घाउ रिणिहि रहिउ चित्रांगद - राउ ॥ वयरि गांगेउ चालिउ चउपट रथि बसेउ । झूझ - तणु रे करि समदाउ || रावण राम तणी परि भिडिया । रिणि रहिउ नीलांगद राउ || लोधीअ लूसी आथि सपतंग | लेई देस- वलीउ वर वीर ॥ बांधव तणुं दुक्ख अपारि । विचित्रवीर्य बइसारिउ पाटि । सत्यवती नितु पय अणुसरइ । चर मोकलिया चिहु दिसि देसि ॥ विनयवंति जे वलि रूपवंति ।
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बलि छलि ते कंन्या आणेसु विचित्रवीर्य हुं परणावेसु ॥
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(चालु)
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