________________ August-2004 95 (8) बृहद्-कोश में काम करनेवाले रीसर्च स्कॉलर्स (1) प्रो. आर.पी.पोद्दार (मुख्य संपादक) (सन्मति-तीर्थ) (2) डॉ. नलिनी जोशी (सहायक संपादक) (भाण्डारकर) (3) डॉ. कमलकुमार जैन (सहायक संपादक) (भाण्डारकर) (4) डॉ. मीनाक्षी कोडणीकर (सहायक संपादक) (भाण्डारकर) (5) प्रो.जी.बी.पनसुले (असोसिएट एडिटर) (भाण्डारकर) (6) डॉ. ललिता मराठे (ज्यूनियर) (सन्मति-तीर्थ) (9) अत्यंत जटिल तथा बौद्धिक कसौटी का कार्य : __अनेक देशी-विदेशी विद्वान तथा अनुसंधानात्मक कार्य के प्रति लगाव रखनेवाले साधु-साध्वियों ने इस कोशकार्य के जटिलता की तथा अर्थानिर्धारण के कार्य में निहित बौद्धिक आह्वान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की है। यह कार्य इसी तरह आखिरतक अच्छी तरहसे संपन्न होने की शुभकामनाएं भी दी है। (१०)भाण्डारकर संस्था में कोशकार्य के लिए अलग धनराशि की आवश्यकता : सन्मति-तीर्थ ट्रस्ट इस कोशकार्य के लिए प्रतिवर्ष 5 लाख रूपयोंका धनराशि खर्च कर रहा है। भाण्डारकर संस्था के द्वारा प्रतिवर्ष 5 लाख रूपयों की व्यवस्था की जाती है। यह संस्था प्राय: समाजके द्वारा प्रदान किये हुए धनराशि पर ही चलती है। आजतक के इतिहास से यह सिद्ध हुआ है कि इस संस्था के द्वारा अंगीकृत कार्य कितना भी विशाल हो, समूचे समाजने अपने आर्थिक सहयोग से वह संपन्न कराने में सदैव सहायता की है। पूरे विश्व के जैनियों के लिए इस लेख द्वारा मैं आवाहन करती हूँ कि पूरे जिनवाणी के एक-एक शब्दार्थनिर्धारण से बननेवाले इस बृहद्-कोश के लिए आप भाण्डारकर प्राच्य विद्या संशोधन मंदिर की दिलोजान से सहायता करें ! जय जिनेन्द्र ! जय भारत ! डॉ. नलिनी जोशी सहायक संपादक, प्राकृत डिक्शनरी प्रॉजेक्ट, भाण्डारकर प्राच्य विद्या संस्था पुणे-४ (महाराष्ट्र) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org