________________ 38 अनुसंधान-२१ सत्तमगोयकम्मं उच्चानीयं च वीसवीसं च / अट्ठमकम्मं विग्धं पंच य पयडीय(इ) सतीसा य // 27 // एसा अट्ठावन्ना सयअहिया पयडिया संथुणिया / उवझा(ज्झा)यपुण्णल (द्धि)सीसे सिरिभाणलद्धिमुणी // 28|| एया सव्वा पयडी-उक्कोसठिय (टिईए) वट्टमाणो(णा) अ / सामाइयं चउण्हं जीवो(वा) न कया वि पावंति // 29 / / बारसमुहुत्तजहन्नं वेयणीयाणं च दुन्नि पयडीणं / नाम- गोयं जहन्नं अट्ठ मुहुता (मुहुत्ता)य ते भणियं // 30 // एगं एगं च मुहत्तं सेसा कम्माण जहन्नकालं च / गुरु-लहुकालं कहिया जहा सुआ सुअसमुद्दाओ // 31 // ते जीव सव्वे धन्ना जेह(हि) कम्माण सव्वपयडीणं / खविऊण सिद्ध(द्धि) पत्ता नमो नमो ताण सिद्धाणं // 32 // -X Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org