________________ 56 शैलेशीकरण अयोगी अप्रतिपाती अवगाहना धर्मास्तिकाय अंतइ जाय आगइ चीचीतारी रूपमइ अनुसंधान-२३ आत्मानी निश्चल अवस्था योग विहोणो आव्या पछी टले नहीं तेवो ऊंचाई 'धर्म' नामक जैनदर्शनस्वीकृत पदार्थ अंते जईने आगे-आगळ विचारी(?) रूपमां-पुद्गलमां 8, श्रीपाल फ्लेट्स, कृष्णनगर, देर रोड, भावनगर (गुजरात) 364001 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org