________________ अनुसंधान-१६ * 226 संग्रहित कुछ सामग्री भिजवा रहे हैं, यथोचित प्रकाशित कर सकते हैं"। अन्य सामग्री आगळना अंकोमां, आ रीते, आपवामां आवशे. 'हीयाली' ते पाछळथी 'हरियाली' तरीके प्रसिद्ध थयेल काव्य प्रकारनुं ज मूळ रूप लागे छे. आ प्रकारमां, अहीं आपेलां पद्योमा छे तेवा सांकेतिक प्रश्नो के समस्याओ गूंथवामां आवे छे, जेनो उकेल/उत्तर विचक्षण जणे शोधी काढवानो रहे छे.) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org