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________________ April-2003 आवतां ते ते तीर्थ/तीर्थो प्रत्येना श्रद्धापूर्ण लगावने कारणे भाविको द्वारा आवां निर्माण थतां, जे आजे पण छूटाछवायां चाल्या करे छे. अनुसरण - अवतरणनी आ ज विभावनाने साहित्यक्षेत्रमां पण स्वीकारवामां आवी. तेना परिणामे 'मेघदूत'नी अनेक समस्यापूर्तिओ तथा ते प्रकारनां अन्य नाना मोटां सर्जनो मळ्यां छे. आवां काव्यो माटे 'मेघदूतावतार' एवो शब्द योजीए तो कांई खोटुं नथी. परन्तु, विलक्षण प्रतिभानी सर्जकताने फक्त समस्यापूर्ति के पादपूर्तिमा ज सन्तोष केम थाय ? ते तो अनुकरणमां पण कोईक वधु सर्जनात्मक अवनवा उन्मेष प्रगटाववा ताकती रहे छे. एना ए ताकमांथी सर्जाय छे अत्रे आपवामां आवेली (अने ते प्रकारनी) अद्भुत 'लघु' रचनाओ. 31 x महाकवि कालिदासनी महाकाव्यात्मक रचनाओ जगविख्यात छे. कुमारसम्भव, रघुवंश, मेघदूत - ए ऋण तेमनी प्रमुख रचनाओ छे. ते त्रणे रचनाओना ध्वनि अने रचनारीतिने पकड़ी लईने कर्ताए त्रण लघु-काव्यरचनाओ करी छे, जे खरेखर अनुपम छे. आमां पात्रो जुदां, प्रसंगो ने परिवेश जुदा; समानता मात्र शैलीनी प्रतिभासंपन्न माणसनुं ज आ काम. 4 प्रथम रचना 'कुमारसम्भव'नी रीतिने अनुसरे छे. कुमारसम्भवनुं प्रथम पद छे अस्त्युत्तरस्यां दिशि देवतात्मा हिमालयो नाम नगाधिराजः ', तो आ लघु रचनानो प्रारंभ 'अस्त्यत्र भूयः शिखरानुषङ्गी शिलोच्चयो रैवतकाभिधानः ' एवा पदथी थाय छे. कालिदासना प्रसंगमां प्रसिद्ध वाक्य 'अस्ति कश्चिद् वाग्विशेषः ' एनुं प्रथम पद 'अस्ति', कु०सं०नी जेम ज आमां पण कर्ताए गूंथ्युं छे, एटलुं ज नहि, कु.सं. मां 'हिमालय'नी वात छे, तो अहीं पण 'रैवतक' नी वात द्वारा पर्वतनी ज वात थई छे. कु. सं. मां शिव-पार्वतीनी वात छे, तो अहीं नेमिनाथ - राजीमतीनी वात मूकी छे. बीजी रचना 'मेघदूत'नी रीति प्रमाणे छे. प्रथम पद 'कश्चित् '. मन्दाक्रान्ता छन्द, मेघदूतमां नायक विरहाकुल बनीने नायिकाने सन्देशो पाठववा माटे 'मेघ' ने सन्देशवाहक बनावे छे. अहीं विरहिणी नायिका - राजीमती नायक - नेमिनाथने पोतानी वात पहोंचाडवा माटे 'ज्योत्स्ना' ने सन्देशवाहिका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.229456
Book TitleKumarsambhavadi Mahakavya Chatushkaritya Stotra Chatushtayi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages17
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size390 KB
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