________________ March-2004 49 वीणी वसमसि ईर्यासुमति 101 103 104 वेणी झळके (?), (आपे?) ईर्यासमिति, जैन मुनिनी जीवदयापूर्वक ज चालवानी क्रिया चित्त नरेन्द्र कुमारपाल नोबत उत्तम उपाश्रयमां-जैन साधुनो आवास, तेमां. मर्यादा बख्तर फाळ-कूदको-छलांग योद्धा डाले-नाखे - (हिन्दीमां मशक्कत?) च्यत कुंमर निरंद नुबति नीकी उपासरइ मयदा पाखर फाली झूझार 105 109 112 113 117 डारइ मसकति मुंसा की दाइ 120 उतकट 122 123 दहवट्ट जगत्र सेती दूसमनसमय माम हाकाविका वरशालई श्रावी समुसइ चउथउ आरो उत्कट-थनगनता दशे दिशामां जगत साथे दुश्मन सामे ममत्व-इज्जत आकुल-विकल चोमासामां-वरसाद वखते श्राविका 125 127 131 136 चोथो आरो (काळविशेषतुं नाम) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org