________________ 70 रीव (36,4) चीस, पोकार विस्तरीयउ (45,3) फेलावू, प्रसर रीहड (130,3) एक गच्छनुं नाम | वीभक्त (107,4) वहेंचायेलुं आकाश लाछि (54,4) लक्ष्मी (दिवस अने रात वच्चे) वडवेग (120,4) झडपथी, मोटेथी व्यवहारीयउ (44,1) वेपारी वरतीये (26,3) व्रतधारण करनार, साधु / सइधउ (62,3) संधि वस्तार (49,1) वरस सखरउ (62,1) साकर, खांड वंच्यउ (26,3) छेतरवू, भरमाव, | सयण (51,2) स्वजन वाधउ (48,2) मोटु थर्बु, विकसवें संवेग (20,1) मोक्षनी अभिलाषा विणसाड्यउ (68,2) नुकसान कर सीख (39,1) विदाय विलसइ (119,3) वेडफq, दुर्व्यय करवो सोहला (96,3) मंगळगीतो, लग्नगीतो विवरइ (52,3) छींडु, बखोल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org