________________ सप्टेम्बर 2008 43 प्रति परिचय 1. ज, उपाध्याय जयचन्द्रगणि संग्रह, रा.प्रा.वि.प्र. बीकानेर शाखा कार्यालय 2. खरतरगच्छ ज्ञान भण्डार, जयपुर, क्रमांक छ. 106 पत्र 7, ले. १९वीं शती 3. कै. श्री कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा, अहमदाबाद नं. 16177 पत्र 5, ले. १८वीं शती लेखन प्रशस्ति तत्त्वविचक्षणैर्वाच्यमानं चिरं नन्दतात् / हीरस्तु / श्री:छः // श्री / श्रीजिनराजसूरिभिः / तत्सिष्यश्रीमानविजयजी तत्सिष्यश्रीकमलहर्षजी तस्य छात्रवद् विद्याविलासेन लिखतमस्ति ॥श्री।। Clo. प्राकृत भारती 13/A, मेन मालवीयनगर, जयपुर 302017 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org