________________ अनुसन्धान 44 मुणिसुव्वए नर्मिमि य हुंति दुवे पउमनाम हरिषेणो। नमि-नेमीसु जयनामा अरिट्ठ-पासंतरे बंभो // 138|| मुनिसुव्रत वीसमा नमिनाथ इकवीसमा बिचइ होइ बे पद्मनाम चक्रवर्ति अनइ हरिषेण चक्रवर्ति, नमिनाथ-नेमिनाथ बिचइ जयनामा चक्रवर्ति हूया. नेमिनाथ अनइ पार्श्वनाथ बिचइ ब्रह्मदत्त चक्री हूया. // 138 / / ६६-वासुदेव जिननइ वारइ पंचऽरहंते वंदंति केसवा पंच आणुपुव्वीए / सिज्जंस तिविधइ (तिविट्ठाइ) धम्म पुरिससीहपेरंता // 139 // ६६-वासुदेव जे जेहनइ वारइ हूया ते कहइ छइ. पांच अरिहंत ११माथी तेहनइ वारइ वासुदेव त्रिपृष्ठादि पांच अनुक्रमइ. धुरि श्रेयांस ११माथी मांडि त्रिपृष्ठादि वासुदेव धर्मनाथ लगइ अनइ पुरुषसिंघ लगि क्रमइ 2 हूया. // 139 / / अर-मल्लिअंतरं दुन्नि केसवा पुरिसपुंडरीय-दत्ता। * मुणिसुव्वय-नमिअंतरे नारायण कन्ह नेमिमि // 140 // अरनाथ मल्लिनाथनइ आंतरइ बि वासुदेव पुरुषपुंडरीक वासुदेव अनइ दत्त वासुदेव हूया. मुनिसुव्रत अनइ नमिनाथनइ आंतरइ लखमणवासुदेव हूया. कृष्णवासुदेव नेमिनइ सासनइ / / 140 // चक्किदुगं 2 हरिपणगं 5 पणगं 5 चक्कीण केसवो 1 चक्की 1 // केसव 1 चक्की 1 केसव 1 दु चक्की 2 केसव 1 चक्की य 1 // 141 // प्रथम बे चक्री हूया. पछइ पांच वासुदेव अनुक्रमइ. पछइ पांच चक्रवर्ति. वली वासुदेव. वली चक्रवर्ति. वली वासुदेव. वली चक्रवर्ति. वली वासुदेव. बे वली चक्रवर्ति. वली वासुदेव. वली चक्रवर्तिः / / 141 / / ६७-ऐवत्तक्षेत्र - चंदाणणो 1 सुचंदो 2 तईओ तह आसि अग्गनिसेणो य 3 / तुरिओ य नंदसेणो 4 इसिदिन्नो 5 पंचमो वयहारी 6 // 142 / / 67. हिवइ ऐरवतक्षेत्रना 24 जिन कहुं छु. चंद्रानन नामइ. सुचंद्र नामइ. त्रीजो तथा अग्निसेन नामइ. चउथओ नंदसेण. ऋषभदत्त पांचमओ, छट्ठो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org