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________________ जून 2008 ४७-स्त्रीरत्वनाम पढमा होइ सुभद्दा 1 भद्द 3 सुनंदा 3 जया [य] 4 विजया य 5 / किण्हसिरी 6 सूरसिरी 7 पउमसिरी 8 वसुंधरा 9 देवी 10 // लच्छिमती 11 कुरुमती 12 इत्थीरयणाण नामाणि // 114|| 47. स्त्रीरत्न कहइ छइ. प्रथम स्त्री सुभद्रा 1. भद्रा. सुनंदा. जया. विजया. कृष्णश्री. सूरश्री. पद्मश्री. वसुंधरा देवीनाम. लक्ष्मीवती. कुरुमती स्त्री. स्त्रीरत्नना ए 12 नाम कह्या. // 114 // 48. हिवइ वासुदेव-बलदेवादि अधिकार: तिवि य१ दुव य 2 सयंभू 3 पुरिसुत्तमे 4 पुरिससीहे य 5 / तह पुरिसपुंडरीए 6 दत्ते 7 नारायण(णे) 8 कण्हे 9 // 115 / / ____48. हिवइ वासुदेवनओ अधिकार कहइ छइ. त्रिपृष्ट वासुदेव, द्विपृष्ट वासुदेव. स्वयंभू. पुरुषोत्तम. पुरुषसिंह वासुदेव. तथा पुरुषपुंडरीक. दत्तनाम. लखमणनाम. कृष्ण वासुदेव. // 115 / / 49. रामनाम अयले 1 विजए 2 भद्दे 3 सुप्पभे य 4 सुदंसणे 5 आणंदे 6 / नंदणे 7 पउमे 8 रामे आवि 9 अपच्छिमे / / 116 / / 49. बलदेवनाम. अचलनाम 1. विजय. भद्द. सुप्रभनाम. सुदर्शननाम. आणंदनाम. नंदननाम. पद्मनाम. नवमो बलदेव[राम] नाम. // 116|| ५०-प्रतिवासुदेव आसग्गीवे 1 तारए 2 मेरए 3 महु 4 केटवे 5 निसुंभे य 6 / बलिप(प्प)हराए 7 तह रावणए 8 नवमे जरासिंधू // 117 / / 50. तेहना वैरी प्रतिवासुदेव. अश्वग्रीव. तारकनाम. मेरक. मधु. कैटभ. निशुंभ. बलिप्रह्लाद. तथा रावण. नवमो जरासिंधु // 117 // ५१-नगरीनाम पोय 1 बारवई तिग 4 अस्सपुरं 5 तह य होइ चक्कपुरं 6 / वाणारसी 7 रायगिहं 8 अपच्छिमो जाओ महुराए 9 // 118 / / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.229364
Book TitleShatpanchashitika Sangrahini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmkirtivijay
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages18
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size623 KB
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