SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 19
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जून 2008 29 श्रीवीरगणधर सिरिवद्धमाणगणा इंद 1 अग्गी 2 वाउभूई 3 तीओ य / होइ वियत्तो 4 सुहमो 5 मंडिय 6 मोरिय 7 भवे पुत्ता // 84|| 29. श्रीवर्धमानस्वामीना गणधर. श्रीवर्धमानना गण. इंद्रभूति. अग्निभूति. वायुभूति त्रीजओ. व्यक्तस्वामी. सुधर्मास्वामी. मंडित. मौर्यपुत्र हूया. // 84|| अट्ठमओ अकंपिओ पि य 8 नवमो भवे तह अचलभाया य 9 / मेयज्जो य 10 पहासो 11 गणहरा हुंति वीरस्स // 85 // ३०-ग्रामनाम मगहा 1 गोबरग्रा(ग्गा)मे जाया तिन्नेव गोयमसगुत्ता / कुल्लागसनिवेसे 3 जाओ वियत्तो 4 सुहमो(म्मो) य 5 // 85 / / ३०-ग्राम नाम कहइ छइ. मगधदेश-गोबरग्रामइ त्रिणि भाई हूया. त्रिणि भाई गौतमगोत्रना. चउथो कोलाकसन्निवेसइ जन्म व्यक्तस्वामी सुधर्मास्वामी. 186 / / मोरीयसन्निवेसे दो भायरो मंडियमोरिया 7 जाया। अचलो य 8 कोसलाए मिहिलाए 9 अकंपिओ जाओ // 87 / / मोरीय सन्निवेसइ बे भाई मंडित-मौरीपुत्र जन्म हूया. एक अचल ग्रामइ बीजो कोशलापुरइ. मिथिलाई अकंपित जन्म्या. // 87 / / तुंगीइ सन्निवेसो(से) मेयज्जो 10 वच्छभूमीए जाओ / भयवं पि [य] प्पभासो 11 रायगिहे गणहरो जाओ / / 88 / / तुंगीया नगरीइं मेतार्यस्वामी वच्छभूमिकाई जन्म. भगवंत प्रभास नामि गणधर राजगृहनगरीइं गणधर जन्म्या . // 88 // ३१-जन्मनक्षत्र जेट्ठा 1 कित्तिय 2 साई 3 सवणो 4 हत्थुत्तरा 5 महाओ य 6 / रोहिणी 7 उत्तरासाढा 8 मिगसिरि 9 तहय असणि 10 पुस्सो 11 // 89|| ३१-नक्षत्रनाम कहइ छइ. जयेष्टा नक्षत्रइ जन्म. कृत्तिकाई. स्वाति. श्रवण. उत्तराफाल्गुनी. मघानक्षत्रइं. रोहिणी. उत्तराषाढानक्षत्रइ. मृगशिर. तिमज Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.229364
Book TitleShatpanchashitika Sangrahini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmkirtivijay
PublisherZZ_Anusandhan
Publication Year
Total Pages18
LanguageHindi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size623 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy