________________ तुं म उघाडीश 17.43 त्वं मोद्घाटये; त्वं मा विकाशीकुर्याः चक्रम् पूगानि गृहचैत्यानि स्तंभतीर्थम् शलभा सोपारी देहरासर खंभाति टील कालिया वडा कथीपो 17.72 17.80 17.11 17.110 17.134 17.13 17.171 17.171 17.17 17.18 17.18 17.19 17.19 कथीपका मण्डपिका देवगृहे वाद्यविशेष घण्टिका / अगरुद्रवः आम्रमञ्जरी प्राभृतम् उपदा बकुलाः केसराः मांडवो घांट चूओ मउर बउलसिरी [9] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org