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डिसेम्बर २००८
श्रीमुनिदेवसूरि रचित श्रीअभयाभ्युदयमहाकाव्य
सं. मुनिसुयशचन्द्र-सुजसचन्द्रविजयौ
अभयकुमार-जैन आगमिक साहित्य, बहु ज प्रसिद्ध पात्र छे. तेमना जीवनना प्रसंगोनो उल्लेख के ते संकळायेल होय तेवा प्रसंगो अनुयोगद्वारसूत्र, आवश्यकसूत्र, दशवैकालिकसूत्र, निशीथसूत्र, सूत्रकृतांगसूत्र जेवां आगमसूत्रोमां के तेनी चूणि अने वृत्तिमां जोवा मळे छे.
ते सिवाय-महावीरचरित्र, उपदेशप्रासाद जेवा अनेक संस्कृत के प्राकृतभाषाबद्ध ग्रन्थोमां, तथा श्रेणिकरास, श्रेणिक अभयरास, भरतेश्वर-बाहुबलीरास वगेरे अनेक कृतिओमां अभयकुमारना जीवनना प्रसंगो नोधायेल छे.
शुभशीलगणिले रचेल 'भरतेश्वर-बाहुबलीवृत्ति'मां पण अभयकुमारनुं जीवन गद्यमां निबद्ध थयुं छे. ते ज रीते प्रस्तुत कृति पण कृष्णर्षिगच्छना कृष्णमुनिना शिष्य आचार्य जयसिंहसूरिजीओ वि.सं. ९१५मां रचेल 'धर्मोपदेशमाळा' नामनी ९८ श्लोक प्रमाण रचनानी टीकामां स्थान पामी छे.
अभयकुमारना जीवन उपर लखायेल कृतिओ :- तेमना जीवन उपर स्वतन्त्र रीते प्राकृतभाषामां कोई रचना थई होय तेवं जाणवा मळ्युं नथी. संस्कृत-गुजराती भाषानी रचनाओ नीचे मुजब छे. संस्कृत कृतिओ :
(१) अभयकुमारचरित्र - सर्ग १२ श्लोक ९०३६ प्रमाणनी कृति चन्द्रगच्छना आचार्य श्रीजिनेश्वरसूरिजीना शिष्य चन्द्रतिलक उपा. द्वारा वि.सं. १३१२मां रचाई छे ते सं. २०४५मां हर्षपुष्पामृतग्रन्थमाळामांथी छपायेल छे.
(२) अभयकुमारचरित्र - सहजकीर्ति (दिगं०?) कृत आ रचनानी विशेष नोंध नथी. आ ग्रन्थ पहेला माणेकचंद हीराचंद भण्डार, चोपाटीमां हतो. हाल ते भण्डार त्यां नथी.
(३) अभयकुमारचरित्र - अज्ञातकर्तृक. आ कृतिनी नोंध जिनरत्नकोशमां छे.
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