________________ सम्यक्त्व-उत्पत्ति के मार्ग को संक्षेप में दर्शाती है। द्रव्यदृष्टि और पर्यायदृष्टि, दोनों के विषयभूत वस्तु-अंशों का अविरोध-रूप ज्ञान–श्रद्धान ही सम्यक् है, सत्यग्राही है, समग्र है। दीपक भी सत्य है, ज्योति भी सत्य है; दोनों मिल कर ही समग्र सत्य है।