________________ त्मवंत भाग्य // ॐ ही श्री अर्ह नमः॥ जीरावलातीर्थमण्डन जी पार्मुन्नाभस्वामिने नमः ----रिवि निजीही समारती, संपय हति मगनलाण भारासा गीत सम्म सशिप-नितिन त पंचेन यहेयोनहानियाधिादमि ने बनाया विनि निकीही, तिन्त्रिपयाहिणार, तिमिचेव यानिनिहा मारामतहा अबत्यतिमावर्णपणे म पनियसंजु बंदणजे मितिबागानो सानो भाबर निगर-बिम्पर घर-निगर-निणप्पामाबारधामो नितहितिगंगठबनम्बयाएटिं शिविहारमा पुगेका