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________________ 2 हा मत्थ- केवलि-सिद्धत्यहिं जिणाणऽ वन्यतिगं / वन्नधासंबेण ओबनाइनियं वियाग्नि निणमुद्दभोगमुद्दा मुनामुक्ती य निन्ति मुहाओ / काय-मणो-वमणनिरोहणं च पणिहाणतियमेयं 0 -पंचगो पणिवालो घुइपाटो होइ जोगमुद्दाराबंदण जिणमुद्दार पणिहाण मुत्तमुक्ती र म —ोज डन्नि करा पंचम उत्तगंडा सम्प णियामओ नेमो पंचगपणिवाओ AT - अब्रुनंतरभंगुलि मागारेटिं येहिं हत्येटिं। पिहोवरि कुप्परसंहिता जोगा कि -तारि मंगुलाई पुरमो का जत्य परिछमगोपा सम्यो एलपुणो निगुरा मुत्तामुत्ती मुना ममानी नेपालमा हत्यााते जण निमाउदेने लगा, मन्ने मला नि पाहिण-जामंगतिमो नरनारिगणोऽमिबंदए देनोबिदु मदिरयुगहेण जान्नेण भानवर्ग MET -. -.. --------
SR No.212307
Book TitleChaityavandan Bhashya
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages6
LanguageHindi
ClassificationArticle
File Size1 MB
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