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________________ बात है। उससे हमें मार्ग दर्शन मिल सकता है। उन्होंने तत्व का क्या स्वरूप बताया वह हम नहीं जानना चाहते, किन्तु १२ वर्ष तक, उन्होंने क्या किया, यह हम जानना चाहते हैं। बारह वर्ष तक उन्होंने ज्ञान का अर्जन नहीं किया, बारह वर्ष तक उन्होंने ध्यान किया। बारह वर्ष तक उन्होंने जो-जो भी आवरण थे उन सब को हटाया । बारह वर्ष तक वे प्रकृति के साथ जिये, बारह वर्ष तक उन्होंने जो साधना पी उस माधना का सार है नासाम। शरीर को बिल्कुल छोड़ दिया जा और नाभि पर ध्यान केन्द्रित किया जाय । धर्म है एक विज्ञान आपको आनन्द देने का, आपको अपनी सम्पत्ति जागृत कर देने का। धर्म पैदा नहीं होता, धर्म को उद्घाटित करना पड़ता है। वह धर्म तो अभी भी आपके पास है लेकिन आपको उसे परखना है। जैसे स्वर्ण जय खान से निकलता है तो वह पत्थर के रूप में होता है लेकिन जब उसे अग्नि में तपा कर उसका मैल दूर करके शुद्ध कर लिया जाता है तो वह स्वर्णत्व प्रकट हो जाता है ऐसे ही अपना धर्म अपने अन्दर है, उसको ढांको वाले आवरणों को सिर्फ हटाने भर की जरूरत है, वह धर्म स्वयमेव प्रकट हो जायगा। धनं को आवरण करने वाले हैं ये रामद्वेषादिक विकार इनको हटाना है। इनके हटने पर अपना धर्म प्रकट हो जायगा। इन आवरणों को हटाने की एक विधि तो यह है कि हम ध्यान करें अपनी नाभि पर । यह ध्यान ऐसा है कि ६-६ महीने बीत जायें फिर भी भोजन की आवश्यकता नहीं पड़ती। भोजन लेना चाहें तो ले सकते हैं लेकिन कहीं ऐसा नहीं है कि भोजन कुछ दिन न मिले तो परेशान हो जायें। आजकल के नवयुवक लोग यह कहते हैं कि हमें तो जो आज समागम मिला है उसका सुख भोग लें, आगे के स्वर्गों की बात को कौन देख आया कि मिलेगा किनहीं। सो मैं तो कहती कि वे बिल्कुल ठीक कहते, वर्तमान में शान्ति. सुख व आनन्द तो मिलना ही चाहिये, आगे फिर जो हो सो हो। तो उस वर्तमान आनन्द को पाने के लिए ध्यान के मार्ग में प्रयोगात्मक रूप में आना होगा। आप सुखासन या पद्मासन में किसी भी आसन से बैठकर अपनी नाभि पर ध्यान करना, नेत्रों को बिल्कुल ढीला छोड़कर नाभि पर ख्याल करना । जसका ख्याल करते हुए यह भी हो सकता है कि उसके साथ एक स्तर और जोड़ दें। ॐकार की तनि । उसमें जब आप श्वारा अन्दर ले जाते समय ख्याल करें तो सा स्यान करें कि जैसे ऊँ शब्द भीतर जा रहा है और जब श्वांस को बाहर,
SR No.212299
Book TitleNaabhi Humara Kendra Bindu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages9
LanguageMarathi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size343 KB
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