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________________ २३४ । और भी बात आप देखेंगे कि जब कभी आप दो एक दिन का उपवास कर लेते हैं तो वहाँ आपके शरीर में बड़ी शिथिलता सी आ जाती है। आपकी आँखें गड्ढे में चली जाती हैं और आपको चक्कर से आने लगते हैं। आप में इतनी ही क्षमता है कि एक दो दिन का उपवास कर सकते, किसी में इतनी भी क्षमता हो सकती कि वह कुछ अधिक दिनों का भी उपवास कर ले . लेकिन उसके चेहरे को देखकर क्या आप जान नहीं लेते कि यह आदमी भूखा है। और उसके शरीर की चर्बी सूख जाती है। उसके शरीर में शिथिलता आ जाती है। उसके चेहरे में मुस्कराहट नहीं आती। लेकिन पुराण पुरुषों की मूर्तियाँ देख लो, भगवान महावीर की मूर्तियाँ देख लो, उनके शरीर में कोई कमजोरी नहीं दिखाई पड़ती। उनका शरीर पूर्ण हृष्ट पुष्ट दिखता है। उनके चेहरे पर मुस्कान दिखाई देती है। तो बताओ यह फर्क कहाँ से आया जिससे हमारे और भगवान महावीर के शरीर में घना फर्क दिखाई पड़ा? तो यह फर्क इस बात का है कि हम कहीं ननः गये हैं अपनी गाना ॥ो । --- पुराण पुरुषों की एक भी मूर्ति ऐसी नहीं मिलती जिसका शरीर तपश्चरण से कृप गया हो। भगवान महावीर ने बारह वर्ष तपश्चरण किया उस में सिर्फ एक वर्ष आहार लिया बाकी ११ वर्ष का समय निराहार रहकर व्यतीत हुआ फिर भी उनकी मूर्ति देखने से ऐसा पता लगता है कि उनके शरीर पर रंच भी कमजोरी नहीं आयी । न तो उनके शरीर पर कहीं झुर्रियां दिखाई देती न हड्डियां दिखाई देती और न उनके चेहरे पर रंच भी उदासी दिखाई देती, .. तो उसमें कारण क्या है कि उन्हें कोई सूत्र ऐसा मिल गया था जिससे उन्हें रंच भी चूक नहीं हुई। भगवान ऋषभदेव सन्यास लेते ही ६ महीने की साधना में बैठ गये फिर भी उनकी मूर्ति देखने पर उनके शरीर में कुछ कमजोरी नहीं दिखाई देती । तो कुछ लोग ऐसा भी कह सकते कि उनके शरीर की क्षमता शक्ति ही ऐसी रहती होगी, उनको संहनन ही ऐसा मिला होगा जिससे कि उनके शरीर पर कोई फर्क नहीं आने पाता था लेकिन एक बात का और भी तो ध्यान करो, उनके साथ दीक्षित होने वाले अन्य लोग भी तो थे जिनको आहार विहार की विधि का पता न था वे निराहार न रह सके और मार्ग से च्यूत होकर रान्यास छोड़ दिया। तो क्यों छोड़ दिया? क्या उनके पास बह संहनन या वह क्षमता न थी? अरे थी तो सही पर मूल बात यह थी कि उनकी भी साधना में कहीं न कहीं चूक रही। जिस चूक के कारण वे अपनी साधना में
SR No.212299
Book TitleNaabhi Humara Kendra Bindu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages9
LanguageMarathi
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size343 KB
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