________________ स्थानांग सूत्र श्लोक 643 / 6. अनुयोग द्वार सूत्र श्लोक 116 / / 7. लक्ष्मीचन्द्र जैन, तिलोयपण्णती का गणित, शोलापुर, 1.58, पृ. 54 / 8. गणित-सार-संग्रह, (सं. 2), 3.1-14, पृ. 36-6 / अनुयोग द्वार सूत्र, श्लोक 142 // एच. एल. जैन (सं.) धवला, भाग 3, पृ. 253 तथा ल. च. जैन, मैथमैटिकल टापिक ऑफ धवला, ज. एस. एस., 11.2 1.6, पृष्ठ-.-. 11. भगवती सूत्र श्लोक 314 / 12. धवला, भाग 3, पृष्ठ 20-24 एवं 56 / 13. अनुपम जैन जैन गणित की मौलिकताएँ एवं भावी शोध दिशाएँ, अर्हत्वचन, प्रवेशांक 188, पृ. 120 / 14. त्रिकोलकसार, माधवचन्द (टीका), बम्बई, 1,20, पृ. 14-15 / 15. भगवती सूत्र, श्लोक 635-26 / 16. विशेष विवरण के लिए द्ररूख्य अनुपम जैन एवं सुरेश चन्द्र अग्रवाल, जैन गणितीय साहित्य, अर्हत् वचन, प्रवेशांक 1.88 एवं 26-28 एवं लक्ष्मीचन्द्र जैन, इन्जैक्ट साइन्सेस फ्रोम जैन सोर्सेज, भाग 1, जयपुर 1.82, पृ. 45 / 17. लक्ष्मीचन्द्र जैन (सं. 16), पृ. 46 / / 18. वही. पृ. 46 / 19. वही पृ. 32-33 / 20. रमेशचन्द्र जैन, स्याद्वाद के सप्रभंग एवं आधुनिक गणित-विज्ञान, अर्हत् वचन, प्रवेशांक 1.88, पृ - / 21. सुधाकर द्विवेदी (सं.) बीजगणित, बनारस, 1,27, पृ 22. गणित-सार-संग्रह, 1.52, पृ.। / 23. वही, 2:3, पृ. 28 // 24. वही, 6.218, पृ. 146 / 25. वही, 7.1- 232 1/2, पृष्ठ 181-250 / 26. वही, 7.50, पृ. 1.3 // * * * * * प्रधानाचार्य को. ओपरेटिव कॉलेज, बेगूसराय (बिहार ) - 851101 (153) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org