________________ मानव हृदयस्थ मनोभावोंका तथा विभिन्न दशाओंमें उत्पन्न होनेवाली चेष्टाओंका वर्णन हुआ है / राग, द्वेष, हर्ष, विषाद तथा प्रेम, करुणा आदिका समावेश बड़ी सूक्ष्मताके साथ सर्वत्र हुआ है। कवि अपने पात्रोंके अन्तस्तलमें प्रवेश कर अवस्थाविशेषमें होनेवाली उसकी मानसिक प्रतिकियाओंका सूक्ष्म विश्लेषण करता है तथा उचित पदविन्यासके द्वारा अभिव्यक्ति देता है। कविकी रचनायें ऐतिहासिक, पौराणिक तथा शास्त्रीय आदि अनेक दृष्टियोंसे श्रेष्ठ हैं। यद्यपि असग कविकी दो कृतियाँ ही उपलब्ध हैं, तथापि ये कविको अमरत्व प्रदान करने तथा काव्यरसकी विजयध्वजाको सदैव फहराते रहनेके लिये पर्याप्त हैं। इन रचनाओं पर गहन शोध कार्य प्रगति पथ पर है। -486 - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org