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डॉ. अशोक कुमार सिंह
सन्दर्भ-ग्रन्थ
1. पं. दलसुख भाई मालवणिया, "आत्ममीमांसा" - जैन संस्कृति.संशोधन मण्डल, बनारस-5, 1953, 95 2. सं. डॉ. तुलसी राम शर्मा - ईस्टर्न बुक लिंकर्स, दिल्ली, 1976, 1/2/2 3. डॉ. रवीन्द्रनाथ मिश्र - जैन कर्म सिद्धान्त उद्भव एवं विकास, 65, पार्श्वनाथ शोधपीठ,
वाराणसी-5,1993, 6-18 4. मुणी मोणं समादाय धुणे कम्मसरीरंग, 1/2/6/163
आचारांग-अंगसुत्ताणि प्रथम, मुनि नथमल, जैन विश्वभारती लाडनू, प्रथम सं. 1974 5. डॉ. परमेष्ठीदास जैन - आचारांगसूत्र एक अध्ययन, पार्श्वनाथ शोधीठ, वाराणसी-5, 1987, 130 6. जे गुणे से आवटे, जे आवट्टे से गुणे, 1/1/5/93 - आचारांग - मुनि नथमल 7. से आयावाई, लोगावाई, कम्मावाई, किरियावाई. 1/1/5.वही। 8. अपरिणाय कम्मे खलु अयं पुरिसे... अणेगरुवाओ जोणीओ संघई, 1/1/1/8, वही,
एवं से हु मुणी परिण्णाय कम्म, 1/1/1/12, वही। 9. कम्मुणा उवाही जायइ, 1/3/1/8/9, वही। 10. अकम्मस्स, 1/3/1/18, वही। 11. णिक्कम्मदंसी, 1/3/2/35, वही। 12. .वही, सन्दर्भ 3 13. कम्ममूलं च जं छण, 1/1/3/21, कामेसुगिद्धाणिचयं करोति, 1/1/3/31, वही।
मोहेण गब्भ मरणाइ एति, 1/5/1/7, वही। 15. एगया गुण समियस्स रीयता कायसंफास समणुचिण्ससा एगतिया पाणा उददायंति।
इहलोग-वेयण वेज्जावडियं ।। 1/5/4/71-72, वही। 16. जे आसवा ते परिस्सवा, जे परिस्सवा ते आसवा, 1/4/2/134, वही। 16a. सयमेव कडेहिं गाहंति, सं. मधुकर मुनि-सूत्रकृतांग-जैन आगम प्रकाशन समिति, व्यावर, 1982, 2/1/4 17. जं जारिसं पुव्वमकासि कम्मं तमव आगच्छति सम्पराएं एवं जहांकडं कम्मतहासिभारे, वही, 5/2/23 एवं
5/1/26 18. सव्वे समयकम्मकप्पिया, वही, 2/3/17 19. वही, 2/3/17 व 2/1/4 20. से जाइजाई बहुकूरकम्मे, जं कुव्वइ भिज्जइ तेण वाले। 21. वही, 1/2/26-27 22. वही, 23. वही, 24. वही, 2/21 25. पमायं कम्ममाहंसु, अप्पमायं तहाऽवरं। वही, 8/3 26. वही, 8/3 27. दंसणावरणंतए -- वही, 15/1 28. वही, 7/7 29. वही, 8/8
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