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पाणिनीय व्याकरण के आधार पर 'उत्थानम्' इस शब्द की सिद्धि में छ: सूत्र लगाने पड़ते हैं, किन्तु भिक्षुशब्दानुशासन का एक ही सूत्र उन सबका काम कर देता है ।
चरण
भिक्षुशब्दानुशासन प्रकाशित नहीं है, इसलिए इसका अध्ययन अध्यापन तेरापंथ संघ के साधु-साध्वियों तक ही सीमित है । इस व्याकरण ग्रन्थ के अध्ययन से साधु-साध्वियों ने संस्कृत विद्या के क्षेत्र में अच्छा विकास किया है। तेरापंथ संघ के नामकरण की पहले कोई कल्पना नहीं थी, इसी प्रकार इस संघ के व्याकरण का नामकरण कल्पित रूप से हुआ । भिक्षुशब्दानुशासन अष्टाध्यायी के क्रम से बनाया गया है। लिए देखिए यन्त्र---
इसकी सूत्र संख्या जानने के
अध्याय १
२
३
५
६
१
Jain Education International
६७
१२३
२०१
१४२
८५
८५
१३२
१४३
तेरापंथी जैन व्यकरण साहित्य
४५
१०५
१६०
१३४
१०५
१५३
१६१
१०१
३
६५
११६
१०३
१२२
६०
१४६
१०६
११७
८६ २६६
१२८
४७२
१२०
५८४
११४
५१२
१२४
४०४
६४
१०४
१३४
३३३
४७८
५३५
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४६५
कुल संख्या ३७४६
कालू कौमुदी भिक्षु दानुशासन का निर्माण होने के बाद संघ के साधु-साध्वियों में संस्कृत भाषा के प्रति विशेष अभि रुचि पैदा हुई । प्रतिभा सम्पन्न और स्थिर विद्यार्थियों के लिए भिक्षुशन्शनुशासन का अध्ययन सहज हो गया किन्तु साधारण बुद्धिवालों और प्रारम्भिक रूप से पढ़ने वालों के लिए कुछ जटिलता पैदा हो गई । उस जटिलता को निरस्त करने के लिए भिक्षुशब्दानुशासन की संक्षिप्त प्रक्रिया "कोलूकौमुदी" नाम से तैयार की गई। यह पूर्वार्द्ध और उत्तरार्द्ध दो भागों में विभक्त है। यह काम भी मुनि श्री चौथमलजी ने किया। संक्षिप्तता और सरलता के साथ कालकौमुदी की उपयोगिता बढ़ गई "कीलकौमुदी" पढ़ने के बाद भिन्दानुशासन का अध्ययन भी सुगम हो गया। "कालूकौमुदी" के दोनों भाग प्रकाशित हैं।
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एक बार बनारस विश्वविद्यालय में संस्कृत के विद्यार्थियों ने कालकौमुदी की पुस्तक देखी उसे देखकर वे लोग बहुत खुश हुए । उन्होंने कहा – 'हम संस्कृत व्याकरण पढ़ते हैं पर पढ़ने में मन नहीं लगता । क्योंकि हमें प्रारम्भ से ही बड़े बड़े व्याकरण प्रयों का अध्ययन कराया जाता है। काकोरी जैसी छोटी-छोटी पुस्तकें पढ़ाई जाएँ तो सहज ही हमारा उत्साह बढ़ जाता है ।'
श्री भिक्षुशब्दानुशासन लघुवृत्ति
भिक्षुशब्दानुशासनको साधारण जन-भोग्य बनाने के लिए मुनि श्री अनाराजी और मुनि श्री चन्दनमलजी के संयुक्त प्रयास से इसकी लघुति तैयार की गई का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए वृतिकारों की ओर से लिखा गया है
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