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________________ - यतीन्द्रसूरि स्मारक ग्रन्थ - इतिहासकवित्त सूरै समरै नोडराज सोड काम उत्तम कीया। कीहट नो जिण भुवण जेण मंइयो जेसाणै। टापर नै भोजै एण परि जैतारण जगजस लीया।। तासु वंश जावड़ सुजस दारव्यौ भुणियाणै।। इस कवित्त के नामों में तथा आगे दिए जाने वाले वंशवृत्त सोनेरूपै साह सोह जिण सासण चाढ़ी। के नामों में (कीहट के पुत्रों के नामों में) साम्यता देखी जाती है। तेजपथग पुहकरण भला जु सेठ भराडी।। विशेष शोध आवश्यक है। वंशवृक्ष रांका श्रेष्ठि जाखदे - आसदेव झांबट धांधल भीमसिंह लाखण गणदेव मोखदेव मम्मण मेघ मेघ जेसल . वेडूर (भार्यापुरी) मोहन (पंजी) जयसिंह नरसिंह आंबा (बहुरी) जीदा मूलराज (माल्हणदे) रूपा गेल्हा भोज हरिराज सहसराज शिवराज । महीराज पुत्रियाँ-राणी श्याणी देल्हा कीहट (कपूरी) पासदत्त (१ सरस्वती २ कौतिगदे), धन्ना (आल्ही) कृपा ऋषभदत्त धामा कान्हा जगमल (चांपू) जमपाल नाथू अमर (नायक दे) पुत्री-चन्द्रावली हस्तू सोमा (मकू) मीरदत्त विमलदत्त कर्मण हेम ठाकुरसिंह ఆరుగురు గురువారుతీరుపోరు సాగురువారూరురురురురురురురురురురూరంగారురంగురువారం Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.211060
Book TitleJaisalmer Puratattvik Tathya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherZ_Yatindrasuri_Diksha_Shatabdi_Smarak_Granth_012036.pdf
Publication Year1999
Total Pages8
LanguageHindi
ClassificationArticle & Culture
File Size864 KB
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