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________________ 415 जैन धर्म का त्रिविध साधना-मार्ग / प्रभावक मण्डल, अगास, 1969, 2 / दरियागंज, देहली, 1959, 155 / 8. उत्तराध्ययनसूत्र, संपा० रतनलाल दोशी, प्रका० श्रमणोपासक जैन 22. जे आया से विन्नाया, जे विन्नाया से आया। पुस्तकालय, सैलाना, वीर सं० 2478, 28/2 / जेण वियाणइ से आया, तं पडुच्च पढिसंखाए। नवतत्त्वप्रकरण, उद्धृत आत्म-साधना संग्रह, मोतीलाल माण्डोत, - आचाराङ्ग, संपा० मधुकर मुनि, प्रका० श्री आगम प्रकाशन पृ० 151 / समिति, ब्यावर, 1980, 1/5/5 / 10. उद्धृत, आत्मसाधना संग्रह, पृ० 151 / 23. प्रवचनसार, कुन्दकुन्दाचार्य, प्रका० परमश्रुत प्रभावक मण्डल, 11. उत्तराध्ययनसूत्र, संपा० रतनलाल दोशी, प्रका० श्रमणोपासक जैन बम्बई, 1935, चारित्राधिकार, 3 / पुस्तकालय, सैलाना, वीर०सं० 2478, 23/25 / 24. उत्तराध्ययनसूत्र, संपा० रतनलाल दोशी, प्रका० श्रमणोपासक जैन 12. वही, 28/35 / पुस्तकालय, सैलाना, वीर सं०, 2478, 6/9-10 / 13. वही, 28/29 / 25. सूत्रकृताङ्गसूत्र, संपा० श्री मधुकर मुनि, प्रका० श्री आगम प्रकाशन 14. भक्तपरिज्ञा, पइण्णयसुत्ताइं, संपा० पुण्यविजयमुनि, प्रका० श्री समिति, ब्यावर, 1982, 2/1/7 / महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, 1984, 65-66 / 26. उत्तराध्ययनसूत्र, संपा० रतनलाल दोशी, प्रका० श्रमणोपासक जैन 15. आचाराङ्गनियुक्ति, भद्रबाहु, प्रका०- श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, पुस्तकालय, सैलाना, वीर सं० 2478, 6/11 / शांतिपुरी (सौराष्ट्र), 1989, रतलाम, 1941, 221 / 27. आवश्यकनियुक्ति (हरिभद्रीय वृत्ति) प्रका० बी०के० कोठारी, 16. दशवेकालिकसूत्र, संपा० मधुकर मुनि, प्रका० श्री आगम प्रकाशन रिलीजियस ट्रस्ट, बम्बई, 1981, 95-97 / समिति, ब्यावर, 1985, 4/12 / 28. वही, 1151-54 / 17. उत्तराध्ययनसूत्र, संपा० रतनलाल दोशी, प्रका० श्रमणोपासक जैन 29. वही, 100 / पुस्तकालय, सैलाना, 2478, 28/30 / 30. वही, 101-102 / 18. व्यवहारभाष्य, प्रका० केशवलाल प्रेमचन्द्र, अहमदाबाद, 7/217 / 31. व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र, संपा० मधुकर मुनि, प्रका० श्री आगम प्रकाशन 19. समयसार टीका, अमृतचन्द्र, प्रका० अहिंसा प्रकाशन मन्दिर, समिति, ब्यावर, 1982, 8/10/41 / दरियांगज, देहली, 1959, 153 / 32. समयसार, कुन्दकुन्द, अहिंसा प्रकाशन मन्दिर, दरियागंज, देहली, 20. गीता (शां०) गीता प्रेस, गोरखपुर, वि०सं० 2018, अ० 5 1959, 277 / पीठिका। 33. योगशास्त्र, संपा० मुनि समदर्शी, प्रका० सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, 21. समयसार टीका, अमृतचन्द्र, प्रका० अहिंसा प्रकाशन मन्दिर, 1963, 4/1 / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.210999
Book TitleJain Dharm ka Trivid Sadhna Marg
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherZ_Shwetambar_Sthanakvasi_Jain_Sabha_Hirak_Jayanti_Granth_012052.pdf
Publication Year1998
Total Pages2
LanguageHindi
ClassificationArticle & Samyag Darshan
File Size764 KB
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