________________ -यतीन्द्रसूरिस्मारकग्रन्थ -आधुनिक सन्दर्भ में जैन धर्म - 34. सम्मेयसेल-सेत्तुञ्ज-उज्जिते अब्बुयंमि चित्तउडे / जालउरे रणथंभे गोपालगिरिमि वंदामि // 19 // सिरिपासनाहसहियं रम्मं सिरिनिम्मयं महाथूभं / कालिकाले वि सुयित्थं महुरानयरीउ (ए) वंदामि / / 20 / / रायगिह-चम्प-पावा-अउज्झ-कंपिल्लट्ठणपुरेसु / भद्दिलपुरि-सोरीयपुरि-अङ्गइया-कन्नउज्जेसु // 21 // सावत्थि-दुग्गामाइसु वाणारसीपमुहपुव्वदेसंमि / कम्मग-सिरोहमाइसु भयाणदेसंमि वंदामि // 22 // राजउर-कुण्डणीसु य वंदे गज्जउर पंच य सयाई / तलवाड देवराउ रुउत्तदेसंमि वंदामि // 23 // खंडिल-डिंडूआणय नराण-हरसउर खट्टऊदेसे / नागउरमुव्विदंतिसु संभरिदेसंमि वेदेमि / / 24 / / पल्ली संडेरय-नाणएसु कोरिट-भिन्नमाल्लेलेसु / वंदे गुज्जरदेसे आहाडाईसु मेवाडे / / 25 / / उवएस-किराडमए वि जयपुराईसु मरुमि वंदामि / सच्चउर-गुडायसु पच्छिमदेसंमि वंदामि // 26 // थाराउद्दय-वायड-जालीहर-नगर-खेड-मोढेरे। अणहिल्लवाडनयरे वड्डावल्लीयं बंभाणे // 27 / / निहयकलिकालमहियं सायसतं सयलवाइथंभणए / थंभणपुरे कयवासं पासं वंदामि भत्तीए / / 28 / / कच्छे भरुयच्छंमि य सोरट्ठ-मरहट्ठ-कुंकण-थलीसु / कलिकुण्ड-माणखेडे दक्षि (क्खि) णदेसंमि वंदामि / / 29 / / धारा-उज्जेणीसु य मालवदेसंमि वंदामि / वंदामि मणुयविहिए जिणभवणे सव्वदेसेसु // 30 // भरहयि (म्मि) मणुयविहिया महिया मोहारिमहियमाहप्पा / सिरिसिद्धसेणसूरीहिं संथुया सिवसुहं देंतु // 31 // Discriptive Catalogue of Mss in the Jaina Bhandars at Pattan-G.O.S. 73, Baroda, 1937, p.56 35. तिलोयपत्ति, 1/21-24 ___aroraniwariwariomosomiamiraramodrowonorariridro[128GoAiridirowonwardoodwiridrbrowirdriraniramidar Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org