________________ 4-0--0--0--0--0--0--0--0--0--0--0--0--0--0-0--0--0--0--0--0--0--0 जैन धर्म, दर्शन संस्कृति का हुआ विवेचन रम्य / ज्योतिष के गम्भीर ज्ञान का किया बुद्धि से गम्य / मुनिद्वय के अभिनन्दन ग्रन्थ का खंड पाँचवा पूर्ण / षष्ठ खंड में संत - सतीजन का परिचय है तूर्ण / -0-0--0--0--0--0-0-0-0--0--0--0--0--0--0--0--0--0-2 --------------------------------------------------- Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org