________________ 36 : श्री महावीर जैन विद्यालय सुवर्णमहोत्सव ग्रन्थ जे जायावर सच्चओर नगरे जे पट्टणे दिक्खिया सूवज्झाय पया पुरा मुणिवरा जे देवराएपुरे सूरिंदा पुण पट्टणे पुरवरे नागाभिहाणे दिवं पत्ता ते जिणलद्धिसूरि पवरा हुंतुष्पसन्ना मम // 3 // किं नाणं वर दंसणं किमहवा किं चारुचारित्तयं किं खंती किमु धीरिमाइ सुगुणा विनिजए जस्तो इक्किकं खलु निम्मलं निस्वमं किं किं तओ वन्नए ते पुजा जिणलद्धि सूरि गुरुणो निच्चं पसीयंतु मे // 4 // // इतिश्रीजिनलब्धिसूरि पादानां स्तूपनमस्काराः // श्रीजिण लद्धिगुरूणं निय मइरंजिय सुरासुर गुरुणं विलसंत परम पउमं थुणेमिथूभमि पय पउमं // 1 // सो धणसिंहो सा धन्न भउणला जाहिं सच्चपुर नगरे तेरसय सट्रिवरिसे मांगसिरेकिर पसूओ सि // 2 // जिणचंदसूरिहत्येण तेरसय सत्तरीइ तहिं माए पत्तं चरित्त रयणं तेण महग्यासि पुज्जोसि // 3 // सिरि जिणकुसल गुरूहि विजा पारंगयस्स तुह पुच्वं तेरह अट्ठासीए दत्त मुवज्झाय पयमुचियं // 4 // पट्टण पुरेय विक्कम चउदहसयवच्छरति आसाढे सिरि जिणपउम गुरूणं पट्टे भयवं तमुपविहो // 5 // तह पुन्नसिरिं द] के के नह विम्हिया हवंतिगरो तुरहारिसाण अहवा सूरीण सुहं हवइ सच्वं // 6 // तुह बहु लोहो जं पय रिद्धिए दिव्वरिद्धि उवरिमणो च उदहचउत्तरं ते दिवं गओ नागपुरओतं // 7 // एवं तुह सिरि जिणलद्धिसूरिपाया ठिया थुया थूभे नि महापसाय कुणतु विहि सयल संघस्स // 8 // // इतिश्री जिनलब्धिसूरि पादपनानां नागपुरस्थित स्तूपस्य स्तवनं समातं // शुभ संवत् 2021 मिते वैशाख शुक्र 3 अक्षयतृतीया गुरुवासरे श्रीकलिकत्ता महानगयी अजीमगंजस्थित सं० 1490 लिखित श्रीजिनमद्रसूरि स्वाध्याय पुस्तिकात् लिपिकृतम् नाहटा भंवरलालेन / शुमंभवतु / / कल्याणमस्तु॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org