________________ डॉ० के० आर० चन्द्र संकेत-अ-आगमोदमय समिति का संस्करण जै=पू. नथमल जी का संस्करण जं-पू. जंबूविजय जी का संस्करण शु= शुब्रिग महोदय का संस्करण रीडर एवं अध्यक्ष, प्राकृत-पालि विभाग भाषा साहित्य भवन, गुजरात युनिवर्सिटी, अहमदाबाद-९ संदर्भ-ग्रन्थ1. आचारांग-सूत्र, शुब्रिग, लीपजिग, 1910 / 2. आयारंगसुत्तं, मुनि जम्बूविजय, 1977 / 3. अंगसुत्ताणि-1, आचार्य तुलसी, जैनविश्वभारती, लाडन, सं० 2031 / 4. श्रीमदाचारांगसूत्रम्, आगमोदय समिति, 1916 / 5. निशीथसूत्र, घासीलालजी, राजकोट, 1969 / 6. व्यवहारसूत्र, शुबिंग, अनु० दोशी जीवराज घेलाभाई, 1925 / 7. बृहत्कल्पसूत्र, पू० घासीलालजी एवं कन्हैयालालजी, सं० 1969 / 8. कल्पसूत्र, पू० पुण्यविजयजी, सं० 1952 / 9. विशेषावश्यकभाष्यम्, प्रथमो भाग:-पं० दलसुखभाई मालवणिया, ला. द. 1966 / 10. वसुदेवहिंडी, जैन आत्मानंद सभा, भावनगर, 1930 / 11. पउमचरियं, प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, 1962 / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org