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आचारांग की समीक्षा एवं उन्हें सुधारने की अनिवार्यता
तुलनात्मक तालिका
आचारांग के मान्य संस्करणों में कुछ शब्दों एवं रूपों के विभिन्न पाठ इस प्रकार
मिलते हैं :
प्रत्येक शब्द के बाद सूत्र - संख्या पू० जम्बू विजयजी के संस्करण की दी गयी है । संस्करण : पू. जम्बू विजयजी
महोद
१. इदाणी - ३३
२.
जाती- मरण-७
३. उववाइए - १
४. अधेदिसातो - १
५. वर्धेति, वहिंति -५२
६. चयोवचइयं - ४५
पडिसंवेदयति-६
७.
८.
लोगावादी - ३
९. अवियाणओ-४९
१०. विजहित्ता - २० ११.
णतं भवति - १
१२. परितावेंति - ५०
१३. पमादेणं - ३३
१४.
सदा ३३
१५.
सता-३३
१६. जतेहिं ३३ १७. निरए-३ १८. णियाग - १९
णो सण्णा - १
१९. २०. पभू-५६ २१. अहिताए - १३
२२. परिण्णा - १३ २३. अणितियं ४५
२४. चुते-१
२५. समारंभमाणो - १२
२६. जीवा अणेगा- २६
२७
समुट्ठाए-१४ २८. अणुपालिया - २० २९. काराविस्सं-४
३०. अकरिस्सं-४ ३१. अबोधीए-२४
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इणि
जाइ-मरण
उववाइए
अदिसाओ
हन्ति वहन्ति
चयावचइयं
पडवे इ
लोगावाई
अविजाणओ
विहित्तु
नायं भवइ परियावेंति
पमाएणं
सया
सया
जएहिं
नरए
नियाग
नो सन्ना
पहू अहियाए
परिना अनिच्चयं
चुओ समारभमाणे जीवा अणेगा
समुट्ठाए
अणुपालिया
कारावेस्सं
करिस्सं
अबोही
आगमोदय इणि
जाई - मरण
उववाइए
अहोदिसाओ हति वति
चओवचइयं
पडसंवेदेइ
लोयावादी
अवियाणओ
वियहित्ता
णायं भवइ
परितावेंति
पमाएणं
सया
सया
जत्ते हिं
णरए
नियाय
णो सण्णा
पहू
अहिआए
परिणा
अणिच्चयं
चुए समारंभेमाणा
जीवा अणेगे
समुट्ठाय
अणुपालिज्जा
कारवेसुं
अरिस्सं
अबोहीए
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पू. नथमलजी इणि
जाई - मरण ओववाइए
अहे वा दिसाओ
वहंति
चयावचइयं
पडसंवेदेइ
लोगावाई
अवियाणओ
विजहित्तु
तं भवति
परिता वेंति
पमाएणं
सया
सया
हिं
णरए
णियाग
नो सण्णा
पह
अहियाए
परिण्णा
अणिच्चयं
चुओ समारंभेमाणे
जीवा अणेगा
समुट्ठाए
अणुपालिया
कारवेसुं
अकरिस्सं
अबोह
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