SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दर्शन-दिग्दर्शन अलबत्ता उर्द्ध दिशा में सभी देव स्वकल्पना स्तूपादि-ध्वजादि पर्यन्त अवधिज्ञान द्वारा देख सकते हैं, उससे ऊपर नहीं देख सकते। ___द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव से उत्कृष्ट अवधिज्ञान मनुष्यों को ही होता है। देव, नारकी या तिर्यच के वह नहीं होता। जघन्य अवधिज्ञान मनुष्य और तिर्यच के होता है। देव और नारकी के वह नहीं होता। उत्कृष्ट अवधिज्ञान के दो प्रकार है। (१) सम्पूर्ण लोक को और लोक मात्र को देखने वाला अवधिज्ञान । (२) सम्पूर्ण लोक उपरान्त अलोक मे भी देखने वाला अवधिज्ञान। इस में संपूर्ण लोक मात्र को देखने वाला अवधिज्ञान प्रतिपाति होता है और संपूर्ण लोक उपरान्त अलोक में एक प्रदेश जितना अधिक देखने वाला अवधिज्ञान अप्रतिपाती होता है। विशेषावश्यक भाष्य में कहा है कि : उक्कासो मणुएसुं मणुस्स-तेरि च्छिएसु य जहण्णी। उक्कोस लोग मेत्तो पडिवाइ परं अपडिवाइ।। । अलवत्ता, अलोक मे आकाश सिवाय अन्य कोई द्रव्य नही है अतः देखने जैसा नही रहता है तो भी अवधिज्ञान के इस सामर्थ्य को दर्शाने के लिए ऐसा कहा जाता है। नारकी के जीव, क्षेत्र की दृष्टि से अपने अपने अवधिज्ञान द्वारा कितना उत्कृष्ट और कितना जघन्य देख सकता है यह इस प्रकार देखिए - नरक का नाम उत्कृष्ट क्षेत्र प्रमाण जघन्य क्षेत्र प्रमाण १ रत्न प्रभा एक योजन (४ कोश) पर्यन्त साढे तीन कांश पर्यन्त २ शर्कराप्रभा साढे तीन कोश पर्यन्त तीन कोश पर्यन्त ३ बालुकाप्रभा तीन कोश पर्यन्त ढाई कोश पर्यन्त ४ पंक प्रभा ढाई कोश पर्यन्त दो कोश पर्यन्त ५ धूम प्रभा दो कोश पर्यन्त १॥कोश पर्यन्त ६ तभः प्रभा १॥ कोश पर्यन्त एक कोश पर्यन्त ७ तमस्तमः प्रभा एक कोश पर्यन्त अर्द्ध कोश पर्यन्त ___मतिज्ञान, श्रुतज्ञान और अवधिज्ञान ये तीन ज्ञान सम्यक्त्व सहित हो सकते है और सम्यक्त्व रहित भी हो सकते है। मिथ्या दृष्टि जीव को भी मतिज्ञान, श्रुतज्ञान और Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.210127
Book TitleAvadhi Gyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherZ_Mohanlal_Banthiya_Smruti_Granth_012059.pdf
Publication Year1998
Total Pages14
LanguageHindi
ClassificationArticle & Samyag Darshan
File Size791 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy