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________________ 4 / विशिष्ट निबन्ध : 73 प्रहार भेदाभेदात्मक अंशमें सांख्यके साथ ही साथ जैन और जैमिनिपर समानरूपसे होता था। उनका जैनके नामसे कुमारिलकी कारिकाको उद्धत करना तथा समन्तभद्रकी कारिकाके ऊपर जैनके साथ जैमिनिका भी प्रयोग करना इस बातको स्पष्ट बतलाता है कि उनकी दष्टिमें जैन और जैमिनिमें भेदाभेदात्मक माननेवालोंके रूपसे भेद नहीं था। तत्त्वसंग्रहकारने तो 'विप्रनिर्ग्रन्थकापिलः' लिखकर इस बातको अत्यन्त स्पष्ट कर दिया है। संशयादि आठ दषण अभी तक किसी ग्रन्थमें एक साथ नहीं देखे गए हैं। शांकरभाष्यमें विरोध और संशय इन दो दषणोंका स्पष्ट उल्लेख है, तत्त्वसंग्रहमें सांकर्य दूषण भी दिया गया है। बाकी प्रमाणवात्तिक आदिमें मुख्यरूपसे विरोध दूषण ही दिया गया है। वस्तुतः समस्त दूषणोंका मूल आधार तो विरोध ही है / हाँ, स्याद्वादरत्नाकर ( पृ० 738 ) में नैयायिककी एक कारिका ‘तदुक्तम्' करके उद्धृत की है"संशयविरोधवैयधिकरण्यसंकरमथोभयं दोषः / अनवस्था व्यतिकरमपि जैनमते सप्त दोषाः स्युः // " | कारिकामें एक साथ सात दूषण गिनाए गए हैं। आठ दषणोंका परिहार भी सर्वप्रथम अकलंकने है। उन्होंने लिखा है कि-जैसे मेचकरत्न एक होकर भी अनेक विरोधी रंगोंको युगपत् धारण करता है, उसी तरह प्रत्येक वस्तु विरोधी अनेक धर्मोको धारण कर सकती है / इसी मेचकरत्नके दृष्टान्तसे संशयादि दोषोंका परिहार भी किया है। सामान्य-विशेषका दृष्टान्त भी इसी प्रसंगमें दिया है-जैसे पृथिवीत्व जाति पृथिवीव्यक्तियोंमें अनुगत होनेसे सामान्यरूप होकर भी जलादिसे व्यावर्तक होने के कारण विशेषात्मक है और इस तरह परस्पर विरोधी सामान्य-विशेष उभय रूपोंको धारण करती है, उसी तरह समस्त पदार्थ एक होकर भी अनेकात्मक हो सकते हैं। प्रमाणसिद्ध वस्तुमें विरोधादि दोषोंको कोई स्थान ही नहीं है। जिस प्रकार एक वृक्ष अवयव विशेषमें चलात्मक तथा अवयव विशेषकी दृष्टिसे अचलात्मक होता है, एक ही घड़ा एकदेशेन लालरंगका तथा दूसरे देशमें अन्य रंगका, एकदेशेन ढंका हुआ तथा अन्यदेशसे अनावृत, एकदेशेन नष्ट तथा दूसरे देशसे अनष्ट रह सकता है, उसी तरह एक वस्तु भी अनेकधर्मवाली हो सकती है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.210011
Book TitleAkalank Granthtraya aur uske Karta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkalankadev
PublisherZ_Mahendrakumar_Jain_Nyayacharya_Smruti_Granth_012005.pdf
Publication Year
Total Pages73
LanguageHindi
ClassificationArticle & Ascetics
File Size6 MB
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