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________________ भारत का भविष्य तो दो काम करने हैं। एक तो व्यक्तिगत संपत्ति के विरोध में पूरा वातावरण खड़ा करना और दूसरा व्यक्तिगत संपत्ति को मिटाने में। व्यक्तिगत संपत्ति को हिंसा घोषित किया जाना चाहिए। वह हिंसा है। और उस हिंसा को रोकने के लिए सरकार को अधिनायकशाही के सिवाय कोई रास्ता नहीं है। अगर हम यह सोचते हों कि हम ...। और आज का सरकारी... तोड़ने के लिए...। आपने बोला कि नॉन-वायलेंस से तो कोई हरकत नहीं... ( अस्पष्ट) न, मेरा करना यह है, मेरा कहना यह है, नॉन-वायलेंस से समाज की अंतर - रचना नहीं बदल सकती, लेकिन नॉन-वायलेंस से आप समाज के सत्ता के अधिकारी हो सकते हैं। समाज की व्यवस्था जो है व्यक्तिगत संपत्ति की वह तो आपको दबाव से बदलनी पड़ेगी। जरूरी नहीं कि दबाव वायलेंस ही हो, लेकिन अगर वायलेंस से न बदली जा सके दबाव को तो वायलेंस ही हो तो कोई मुझे चिंता नहीं है उसकी। मेरा मतलब यह है कि लोकशाही है आज, जैसी भी है टूटी-फूटी लोकशाही है। हां, इस लोकशाही का पूरा उपयोग किया जाना चाहिए। जो लोग समाजवाद लाना चाहते हैं, वे जाकर वोटर को शिक्षित करें। इस सत्ता पर अधिकारी हों। और सत्ता पर अधिकारी होते ही वह इस मुल्क से व्यक्तिगत संपत्ति और शोषण की व्यवस्था को हटाने के सब उपायों का प्रयोग करें। वह समझाने-बुझाने से हो सके, वह लोकमत के दबाव से हो सके। और अगर उन सबसे न हो सके, तो जैसा हम पुलिस के दबाव से हैदराबाद लेते हैं, जैसे हम पुलिस के दबाव से राजाओं को समाप्त कर देते हैं, उसी तरह के पुलिस के दबाव के अंतर्गत हमें पूंजीशाही को समाप्त करना होगा। लेकिन, केरल गर्वमेंट कम टु बेलेट, विज्युअलाइज हाउ टु नो बडी नो ओपन अबाउट दिस। यू असाइड प्रेक्टिस यू केन एप्रोच टु वाटर, एन चेंज स्माल... कम टु पावर ओनली टु बेलेट... इज़ सुपिरियन एट दि आल इंडियन लेवल ऑर समथिंग । हां-हां, बिलकुल ही। अपने भारतीय तल पर वैसा यह व्यवस्था करनी चाहिए। और एक प्रांत में कुछ कर भी नहीं सकती कोई समाजवादी व्यवस्था। जब तक कि केंद्रीय तल पर सारी समाजवादी स्व-रचना नहीं होती । क्योंकि वह प्रांत... (प्रश्न का ध्वनिमुद्रण स्पष्ट नहीं।) हां, वह भी, वह तो हमेशा । सारी झंझट वह । नहीं, वे नहीं चलने देते हैं । वे नहीं चलने देते हैं, चलने नहीं देंगे। क्योंकि अगर एक प्रांत में भी, केरल में या कहीं भी अगर समाजवादी तंत्र की थोड़ी भी रूपरेखा स्पष्ट हो जाए और जनता को थोड़ी भी राहत दिखाई पड़े तो पूरे मुल्क से सारी व्यवस्था नष्ट हो जाएगी इनकी । इसलिए उसको Page 92 of 197 http://www.oshoworld.com
SR No.100002
Book TitleBharat ka Bhavishya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages197
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size2 MB
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