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________________ भारत का भविष्य वहां उपदेशक बढ़ जाते हैं। ये प्रोफेशनल संबंध हैं इनके । अगर गांव में बीमार ज्यादा होंगे तो डाक्टर बढ़ जाएंगे। तो आप यह नहीं कह सकते कि गांव में इतने डाक्टर हैं तो बीमार ज्यादा क्यों हैं? बात उलटी है, गांव में इतने बीमार हैं इसलिए इतने डाक्टर हैं। इतने महात्मा हैं दुनिया में, इस मुल्क में इतने महात्मा हैं तो इतना करप्शन क्यों है? मैं कहता हूं बात उलटी है, इतना करप्शन है इसलिए इतने महात्मा हैं। नहीं तो इनको सुनेगा कौन ? जब मुल्क में अनैतिकता बढ़ती है, इम्मॉरेलिटी बढ़ती है तो प्रिचर्स बढ़ जाते हैं। स्वभावतः, क्योंकि वे समझाने लगते हैं कि नैतिक बनो! और नैतिक बनना आसान तो नहीं है, समझाने से तो होता नहीं। इसलिए महात्मा समझाए चला जाता है। और महात्मा अच्छी बातें समझाता है तो हम उसके पैर भी पड़ते हैं। हालांकि अच्छी बातों और पैर पड़ने से मुल्क नहीं बदलता । इस मुल्क को महात्माओं की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। इस मुल्क में महात्मा न हों तो कुछ हर्जा न हो जाएगा। सिर्फ इतना फर्क पड़ेगा कि करप्शन के खिलाफ बोलने वाले लोग न होंगे। करप्शन तो इतना ही रहेगा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बोलने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है । और ध्यान रहे, हमारे सब महात्मा एक अर्थ में आउट ऑफ डेट हैं। वह तीन-चार हजार साल पुरानी व्यवस्था उनके दिमाग में है । सारी दुनिया बदल गई है। वे जो समझा रहे हैं वह तीन-चार हजार साल पहले ठीक था, अब ठीक नहीं है । इसलिए हमारे महात्माओं का जवान से तो कोई संबंध नहीं रह गया । बूढ़े मरे हुए लोग उनके सुनते हैं, जिनका एक पैर कब्र में चला गया वे महात्माओं के पास होते हैं या बेपढ़ी-लिखी औरतें होती हैं। हिंदुस्तान के जवान का तो महात्माओं से कोई संबंध नहीं है। हिंदुस्तान के जवान को तो कुछ नई तरह की व्यवस्था और चिंतन पैदा करना पड़ेगा और नये विचारक पैदा करना पड़ेंगे। हिंदुस्तान के जवान के योग्य महात्मा हिंदुस्तान के पास नहीं हैं। हिंदुस्तान के जवान के लिए वैज्ञानिक ढंग से सोचने वाले महात्मा चाहिए। अब जैसे कि मैं यह बात कह रहा हूं, यह हिंदुस्तान में कोई साधु आपसे नहीं कह सकेगा। क्योंकि मैं जानता हूं कि ब्रह्मचर्य कभी लाख दो लाख में एक आदमी के लिए संभव है । और ज्यादा लोग अगर कोशिश करेंगे तो सिर्फ बीमार पड़ेंगे और व्यभिचारी हो जाएंगे, और कुछ नहीं हो सकता । या यह हो सकता है कि मेंटल सेक्सुअलिटी शुरू हो जाए, बॉडीली बंद हो जाए और दिमाग में शुरू हो जाए। जो और खतरनाक है। तो मैं आपसे कहता हूं, शादी देर से करें, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आपका सेक्स स्टार्व हो। आपके सेक्स को भूखा रखने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन वह पुराने जमाने की बातहो गई कि सेक्स से बच्च पैदा हो जाता था। अब तो कोई जरूरत नहीं। अब तो हमने सेक्स को रिप्रोडक्शन को अलग कर लिया है। सेक्स अलग चीज है, रिप्रोडक्शन अलग चीज है । और बहुत जल्दी, अभी तो हम बिना रिप्रोडक्शन के सेक्स में संबंधित हो सकते हैं, कल बिलकुल ऐसी स्थिति आ जाएगी कि सेक्स के लिए रिप्रोडक्शन की बिलकुल ही जरूरत नहीं रह जाएगी। करीब-करीब आ गई है। हम टेस्ट ट्यूब में बच्चे को पैदा कर सकेंगे। बहुत दिन स्त्रियों को बच्चे को पेट में रखने की तकलीफ आगे नहीं झेलनी पड़ेगी। इसलिए अब जो हमारी पुरानी सेक्सुअल मारेलिटी है, उसके बचाए रखने की कोई जरूरत नहीं, वह बिलकुल बेकार है। अब तो भविष्य में जो मारेलिटी होगी हाइजनिक होगी, सेक्सुअल नहीं होगी। सेक्स का बड़ा सवाल Page 56 of 197 http://www.oshoworld.com
SR No.100002
Book TitleBharat ka Bhavishya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages197
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size2 MB
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