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________________ भारत का भविष्य गुलामियां थीं वे गुलामियां वैज्ञानिक नहीं थीं। कम्युनिज्म पहली दफा टेक्नालॉजिकली, वैज्ञानिक ढंग से आदमी को गलाम बनाने में समर्थ आज चीन में आदमियों का माइंड वाश किया जा रहा है। आदमी को मारने की जरूरत भी नहीं है, उसके दिमाग को पूरा धोकर साफ किया जा सकता है जैसे सिलेट पट्टी को धोकर साफ किया जाता है। ये गुरुद्वारे, ये मंदिर, ये मस्जिद ज्यादा दिन नहीं बचेंगे, अगर हिंदुस्तान पर कम्युनिज्म आता है तो हमारे दिमाग ज्यादा दिन तक नहीं बचेंगे जो थे, वे पोंछ डाले जाएंगे। आज रूस में कहां है गुरुद्वारा, कहां है मस्जिद, कहां है मंदिर? आज चीन में कहां है? वह सब विदा हो गया। मनुष्य के धर्म पर सबसे बड़ा खतरा कम्युनिज्म है। अभी मैं आ रहा था, तो आपके प्रिंसिपल ने मुझे कहा कि आप धर्म के खिलाफ कुछ मत बोल देना। मैं बहुत हैरान हुआ! मैं बहुत हैरान हुआ कि अगर एक धार्मिक व्यक्ति धर्म के खिलाफ कुछ बोलेगा, तो फिर धर्म के पक्ष में कौन बोलेगा? पर उनके भय से मझे लगा कि धर्म कहीं इतना कमजोर हो गया है कि अपने खिलाफ बोली गई बातों का जवाब देने में भी ताकतवर नहीं मालूम पड़ता है, इसलिए इतना डर है भीतर। लेकिन इतना डर कर धर्म बचेगा नहीं। डरा हुआ धर्म कैसे बचेगा? डरा हुआ धर्म नहीं बच सकता। उन्होंने मुझसे कहा कि आप किन्हीं शास्त्रों के खिलाफ कुछ मत बोल देना। जिसके खिलाफ बोला जा सकता है वह शास्त्र ही नहीं है। जिसके खिलाफ नहीं बोला जा सकता वही शास्त्र है। और जिसके खिलाफ बोले जाने में डर मालूम पड़ता है, वह कमजोर है, वह सत्य नहीं हो सकता। जिसके खिलाफ सारी दुनिया बोलती हो तो भी जिसका रत्ती भर न टूटता हो वही सत्य है। उतना ही बच जाए तो काफी है, बाकी कचरे को बचाने की कोई जरूरत भी नहीं है। लेकिन हम भयभीत हैं, हम बहुत डरे हुए हैं। और इतने डरे हए लोग धर्म को और शास्त्र को बचा सकेंगे यह मझे संभव नहीं दिखाई पड़ता। भारत का बूढ़ा मन धर्म की पूजा कर सकता है, धर्म को बचा नहीं सकता। भारत को जवान चित्त पैदा करना पडेगा वही धर्म को बचा सकेगा। एक और अंतिम बात आपसे कह दूं। अगर हमने सिक्ख धर्म Page 13 of 197 http://www.oshoworld.com
SR No.100002
Book TitleBharat ka Bhavishya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages197
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size2 MB
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