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________________ भारत का भविष्य असफलता है वह एकदम अनुयायी की असफलता नहीं है, वह मूलतः गांधीवाद की असफलता है। वह बेचारा अनुयायी फंस जाता है। उसको हम कहते हैं कि यह इन्होंने सब बर्बाद कर गया। वह बर्बाद करेगा ही। कोई उपाय नहीं था उसका। (प्रश्न का ध्वनि-मुद्रण स्पष्ट नहीं।) हां, बिलकुल ठीक है। न, वह जो गॉड है, मैं समझ गया। वह मंदिर में भगवान बैठा हुआ है वह पत्थर का है, वह उनसे कुछ कहता नहीं। (प्रश्न का ध्वनि-मद्रण स्पष्ट नहीं।) नहीं-नहीं, मेरी बात आप नहीं समझ रहे। वह पत्थर का भगवान उनसे नहीं कहता यह कि तुम दुकान में जाकर गर्दन मत काटना। मैं उनसे कहता हूं कि दुकान में जाकर गर्दन मत काटना। मेरा मतलब... (प्रश्न का ध्वनि-मुद्रण स्पष्ट नहीं।) नहीं-नहीं, अगर कहने से कोई डिफरेंस होता ही नहीं तब तो फिर कोई उपाय ही नहीं मानते आप। (प्रश्न का ध्वनि-मुद्रण स्पष्ट नहीं।) मेरी बात नहीं समझे आप। अगर हम यह माने लें कि कहने से कोई डिफरेंस होता ही नहीं, तो फिर कोई उपाय नहीं रहा कम्युनिकेशन का। जो मैं यह कह रहा हूं, मैं यह कह रहा हूं कि यह जो मंदिर का भगवान है उसको वे धोखा दे पाते हैं क्योंकि वह पत्थर का है। और इसलिए पत्थर का उन्होंने भगवान बनाया हुआ है ताकि उससे कोई झंझट पैदा न हो। (प्रश्न का ध्वनि-मुद्रण स्पष्ट नहीं।) न, यह जो आप, यह जो कह रहे हैं न, डू गुड थिंग्स। जो वे कहते हैं तो गुड थिंग्स का मतलब यह है कि चर्च जाना चाहिए रविवार को, भगवान को माला चढ़ानी चाहिए, मंत्र पढ़ना चाहिए। गुड थिंग्स वह यह नहीं कह रहे हैं कि इल्लाजिकल नहीं होना चाहिए। यह मेरी बात आप समझ रहे हैं न? बल्कि सच यह है कि उनकी सारी गड थिंग्स इसी पर निर्भर है कि आप लाजिक न लाएं बीच में। लाजिक लाए तो गड़बड़ हो गया। मैं जिसको कह रहा हूं गुड, उसमें गुड में पहली तो बात रीजन है। मैं आपसे जिसको मैं गुड कह रहा हूं, उसमें पहली बात Page 104 of 197 http://www.oshoworld.com
SR No.100002
Book TitleBharat ka Bhavishya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages197
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size2 MB
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