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________________ अध्याय ३८ ! लड़ाईमें भाग की आपत्तिका समय समझकर मांगें पेश करना उचित न समझा और जबतक लड़ाई चल रही है तबतक हक मांगना मुल्तवी रखनेके संयममें सभ्यता और दीर्घ-दृष्टि समझी। इसलिए मैं अपनी सलाहपर मजबूत बना रहा और कहा कि जिन्हें स्वयं-सेवकोंमें नाम लिखाना हो वे लिखा दें। नाम अच्छी संख्यामें आये। उनमें लगभग सब प्रांतों और सब धर्मों के लोगोंके नाम थे। फिर लार्ड क्रूके नाम एक पत्र भेजा गया। उसमें हम लोगोंने अपनी यह इच्छा और तैयारी प्रकट की कि हिंदुस्तानियोंके लिए घायल सिपाहियोंकी सेवा-शुश्रूषा करनेकी तालीमकी यदि आवश्यकता दिखाई दे तो उसके लिए हम तैयार हैं। कुछ सलाह-मशवरा करनेके बाद लार्ड क्रूने हम लोगोंका प्रस्ताव स्वीकार किया और इस बातके लिए हमारा अहसान माना कि हमने ऐसे ऐन मौकेपर साम्राज्यकी सहायता करनेकी तैयारी दिखाई ।। जिन-जिन लोगोंने अपने नाम लिखवाये थे उन्होंने प्रसिद्ध डाक्टर केंटलीकी देख-रेखमें घायलोंकी शुश्रूषा करनेकी प्राथमिक तालीम लेना शुरू किया । छः सप्ताहका छोटासा शिक्षा-क्रम रक्खा गया था और इतने समय में घायलोंको प्राथमिक सहायता करनेकी सब विधियां सिखा दी जाती थीं। हम कोई ८० स्वयंसेवक इस शिक्षा-क्रममें सम्मिलित हुए। छ: सप्ताहके बाद परीक्षा ली गई तो उसमें सिर्फ एक ही शख्स फेल हुआ। जो लोग पास हो गये उनके लिए सरकारकी ओरसे कवायद वगैरा सिखानेका प्रबंध हुआ। कवायद सिखानेका भार कर्नल बेकरको सौंपा गया और वह इस टुकड़ीके मुखिया बनाये गये । इस समय विलायतका दृश्य देखने लायक था। युद्धसे लोग घबराते नहीं थे, बल्कि सब उसमें यथाशक्ति मदद करनेके लिए जुट पड़े । जिनका शरीर हट्टा-कट्टा था, वे नवयुवक सैनिक शिक्षा ग्रहण करने लगे। परंतु अशक्त बूढ़े और स्त्री आदि भी खाली हाथ न बैठे रहे। उनके लिए भी वे चाहें तो काम था ही। वे युद्ध में घायल सनिकके लिए कपड़ा इत्यादि सीने-काटनेका काम करने लगे। वहां स्त्रियोंका 'लाइसियम' नामक एक क्लब है । उसके सभ्योंने सैनिक-विभागके लिए आवश्यक कपड़े यथा-शक्ति बनानेका जिम्मा ले लिया। सरोजिनी देवी भी इसकी सभ्य थीं। उन्होंने इसमें खूब दिलचस्पी ली थी। उनके साथ मेरा यह प्रथम ही परिचय था। उन्होंने कपड़े ब्योंत व काटकर मेरे
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
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