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________________ अध्याय २८ : पत्नीकी दृढ़ता ३३१ खतरा पूरा-पूरा था। पर मैंने यही सोच लिया कि ईश्वर सब तरह मदद करेगा। पहले एक आदमीको फिनिक्स भेज दिया। फिनिक्समें हमारे यहां एक हैमक था । हैमक कहते हैं जालीदार कपड़े की झोली अथवा पालनेको। उसके सिरोंको बांससे बांध देनेपर बीमार उसमें आरामसे झूला करता है । मैंने वेस्टको कहलाया कि वह है मक, एक बोतल गरम दूध, एक बोतल गरम पानी और छः प्रादमियोंको लेकर फिनिक्स स्टेशनपर आ जायं । . जब दूसरी ट्रेन चलने का समय हुआ तब मैंने रिक्शा मंगाई और उस भयंकर स्थितिमें पत्नीको लेकर चल दिया । पत्नीकी हिम्मत दिलानेकी मुझे जरूरत नहीं पड़ी, उलटा मुझीको हिम्मत दिलाते हुए उसने कहा-- “ मुझे कुछ नुकसान न होगा, आप चिंता न करें।" इस ठठरीमें वजन तो कुछ रही नहीं गया था। खाना पेटमें जाता ही न था । ट्रेनके डब्बेतक पहुंचनेके लिए स्टेशनके लंबे-चौड़े प्लेटफार्मपर दूरतक चलकर जाना था। क्योंकि रिक्शा वहांतक पहंच नहीं सकती थी। मैं उसे सहारा देकर डब्बेतक ले गया । फिनिक्स स्टेशनपर तो वह झोली आ गई थी, उसमें हम रोगीको आरामसे घरतक ले गये। वहां केवल पानीके उपचारसे धीरे-धीरे उसका शरीर बनने लगा। फिनिक्स पहुंचनेके दो-तीन दिन बाद एक स्वामीजी हमारे यहां पधारे । जब हमारी हठ-धर्मीकी कथा उन्होंने सुनी तो हमपर उनको बड़ा तरस आया और वह हम दोनोंको समझाने लगे। मुझे जहांतक याद आता है, मणिलाल और रामदास भी उस समय मौजूद थे। स्वामीजीने मांसाहारकी निर्दोषतापर एक व्याख्यान झाड़ा; मनुस्मृति के श्लोक सुनाये। पत्नी के सामने जो इसकी बहस उन्होंने छेड़ी, यह मुझे अच्छा न मालूम हुआ; परंतु शिष्टाचारकी खातिर मैंने उसमें दखल न दिया। मुझे मांसाहारके समर्थनमें मनुस्मृतिके प्रमाणोंकी आवश्यकता न थी। उनका पता मुझे था। मैं यह भी जानता था कि ऐसे लोग भी हैं जो उन्हें प्रक्षिप्त समझते हैं । यदि वे प्रक्षिप्त न हो तो भी अन्दाहार-संबंधी मेरे विचार स्वतंत्र-रूपसे बन चुके थे; पर कस्तूरवाई की तो श्रद्धा ही काम कर रही थी, वह बेचारी शास्त्रोंके प्रमाणोंको क्या जानती ? उसके नजदीक तो परम्परागत रूढ़ि ही धर्म था। लड़कोंको अपने पिताके धर्मपर विश्वास था, इससे वे स्वामीजीके साथ विनोद करते जाते
SR No.100001
Book TitleAtmakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
PublisherSasta Sahitya Mandal Delhi
Publication Year1948
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size70 MB
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