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सर्वदर्शनसंग्रहे
वृत्तौ अकारणककार्योत्पादप्रसङ्ग इति स्थूलः प्रमादः । तथा निरटङ्कि शङ्करकिङ्करेण
४. अनुकूलेन तर्केण सनाये सति साधने ।
साध्यव्यापकताभङ्गात्पक्षे नोपाधिसम्भवः ।। इति ॥
कर्ता वह है जो दूसरे कारकों ( कर्म, करणादि ) से प्रयोजित नहीं हो, प्रत्युत सभी कारकों को प्रयोजित करे तथा ज्ञान, चिकीर्षा ( उत्पन्न करने की इच्छा ) और प्रयत्न का आधार भी हो। [ मिट्टी, डण्डा, चाक आदि पदार्थ जो घटोत्पादन कार्य में विभिन्न कारक हैं, कुम्भकार ( कर्ता ) को घटनिर्माण के लिए प्रयोजित नहीं करते । उलटे कुम्भकार ही उन्हें अपनी इच्छा से प्रयोजित करता है । यह स्पष्ट है कि कर्ता में पहले घट का ज्ञान होता है तब इच्छा और अन्त में उसमें प्रयत्न होता है । इन तीनों का आधार कर्ता ही है । ]
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कर्ता का उक्त लक्षण मान लेने पर, यदि कर्ता को त्याग दें [ क्योंकि, आप लोग पूर्वपक्षी, अकर्तृक कार्य मानने जा रहे हैं ] तो कर्ता पर निर्भर करनेवाले सब के सब कारक भी तो हट जायंगे और इस दशा में [ कारकों के अभाव में भी कार्य माननेवालों का ] यह स्थूल प्रमाद ही न है कि बिना कारण के भी कार्य की उत्पत्ति माननी पड़ेगी ?
शंकरकिंकर नामक विद्वान् ने इस विषय का संकलन किया है - - ' जब हेतु अनुकूल ( शुद्ध ) तर्क से अलंकृत किया जाता है तब साध्य की व्यापकता ( जो उपाधि होने के लिए आवश्यक है ) का नाश हो जाता है तथा पक्ष में उपाधि की सम्भावना नहीं रहती ।' [ अनुकूल तर्क से यह निश्चय किया जाता है कि हेतु साध्य के द्वारा व्याप्य है । ऐसे स्वव्याप्य का जो व्यापक नहीं है तथा कहीं-कहीं इस प्रकार का व्याप्य होने पर भी न रहे वह ( हेतु ) अपने साध्य का व्यापक कैसे हो सकता है ? जो अपने व्याप्य का व्यापक नहीं रहता उसमें अपने ( साध्य ) को व्याप्त करने का सामर्थ्य नहीं रहता, ऐसा नियम है । फलतः साध्य को व्याप्त न करने के कारण उपाधि नहीं हो सकती । ]
यदीश्वरः कर्ता स्यार्त्ताहि शरीरी स्यादित्यादिप्रतिकूलतर्कजातं जागर्तीति चेत् — ईश्वरसिद्ध्यसिद्धिभ्यां व्याघातः । तदुदितमुदयनेन -
५. आगमादेः प्रमाणत्वे बाधनादिनिषेधनम् । आभासत्वे तु सैव स्यादाश्रयासिद्धिरुद्धता ॥
( न्या० कु० ३।५ ) इति । न च विशेषविरोधः शक्यशङ्कः । ज्ञातत्वाज्ञातत्वविकल्पपराहतत्वात् । 'यदि ईश्वर कर्ता होता तो वह शरीरधारी होता' - इस प्रकार के प्रतिकूल तर्क भी जागृत हो सकते हैं [ जिनसे ईश्वर के कर्तृत्व का खण्डन होगा ], तो हम उत्तर देंगे कि