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सर्वदर्शनसंग्रहे
विभागजनक कर्म के क्षण में ही अपेक्षाबुद्धि की चिन्ता ( उत्पत्ति ) करें तो दोनों कारणों से द्वित्व का का नाश हो सकता है—यही संक्षेप में [ द्वित्व का विचार हो गया।]
विशेष-उपर्युक्त दोनों कारणों का अन्तर इतना ही है कि अपेक्षाबुद्धि की सता कहाँ मानें ? यदि अपेक्षाबुद्धि द्वितीय क्षण में (विभाग के समय ) मानते हैं तो अपेक्षाबुद्धि के नाश के ही समय द्वित्व का नाश हो जाता है उस समय अपेक्षाबुद्धिनाश कारण नहीं हो सकता, क्योंकि कारण को कार्य के पूर्व ही रहना चाहिए, समकाल नहीं । निदान हमें आधारनाश से द्वित्वनाश मानना पड़ेगा। दूसरी ओर यदि सारी प्रक्रिया एक सीढ़ी ऊपर खिसक जाय तथा अपेक्षाबुद्धि को द्वितीय क्षण में न मानकर प्रथम क्षण में स्वीकार कर लें तो चतुर्थ क्षण में उसका नाश हो जायगा और वह नाश आराम से उतरवर्ती क्षण में होनेवाले द्वित्वनाश का कारण बन जायगी। इसे निम्न पाटी से समझ सकते हैं :क्षण कार्यचतुष्टय द्वित्वनाश को द्वित्वनाश की
प्रक्रिया सं० (१) प्रक्रिया सं० (२) १. विभागजनक कर्म एकत्वजातिज्ञान ( २) अपेक्षाबुद्धि (३) २. विभाग
अपेक्षाबुद्धि (३) द्वित्वोत्पत्ति (४) ३. संयोगनाश
द्वित्वोत्पत्ति ( ४ ) द्वित्वत्वजातिज्ञान (५) ४. घटनाश
द्वित्वत्वजातिज्ञान (५) अपेक्षाबुद्धिनाश ( ६ ) ५. (आधारनाश से ) द्वित्वनाश, अपेक्षाबुद्धिनाश ( ६) द्वित्वनाश (७)
कोष्ठकों में निर्दिष्ट अंक यह सूचित करते हैं कि पूर्वोक्त आठ क्षणोंवाली प्रक्रिया में इन कार्यों का कौन-सा स्थान था। प्रस्तुत प्रक्रिया सं० १ में द्वित्वनाश का कारण घटनाश अर्थात् आधारनाश है जब कि प्रक्रिया सं० २ में पहले की भाँति अपेक्षाबुद्धि के विनाश से ही द्वित्व का विनाश माना जाता है। वास्तव में नवीनता प्रक्रिया सं० १ में ही है। अब अपेक्षाबुद्धि का लक्षण देकर द्वित्व का प्रकरण समाप्त किया जायगा ।
(९ ग. अपेक्षाबुद्धि का लक्षण ) अपेक्षाबुद्धिर्नाम विनाशकविनाशप्रतियोगिनी बुद्धिरिति बोद्धव्यम् ।
अपेक्षाबुद्धि उस बुद्धि को कहते हैं जिसका विनाश [ द्वित्व संख्या का ] विनाशक हो । तात्पर्य यह है कि अपेक्षाबुद्धि के नाश से द्वित्वसंख्या का नाश होता है-दोनों के विनाशों में कार्यकारण का सम्बन्ध है। अब यदि अपेक्षाबुद्धि के नाश से द्वित्वसंख्या का नाश होता है तब तो अपेक्षाबुद्धि अपने नाश की प्रतियोगिनी हुई । [ इसी को कहा गया है कि अपेक्षाबुद्धि द्वित्वसंख्या को नष्ट करनेवाले विनाश की प्रतियोगिनी पुति है।